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राष्ट्रपति कोविंद ने कहा – समानता पर आधारित है हमारा मूल मंत्र ‘वसुधैव कुटुम्बकम’

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हैदराबाद, 13 फरवरी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि आधुनिक गणतंत्र के मौलिक संवैधानिक विचार भारत की सांस्कृतिक परम्परा पर आधारित है। वह हैदराबाद में मचिमताल पर समता मूर्ति केंद्र का दौरा करने के बाद श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, “हमारा मूल मंत्र ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ समानता पर आधारित है। हमारे संविधान में समाहित मौलिक अधिकार जैसे विधि के समक्ष समानता, सभी प्रकार के भेदभाव का निषेध, अवसरों की समानता, छुआछूत का उन्मूलन इसी की प्रेरणा से निकले हैं।”

स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर आज़ादी का अमृत महोत्सव का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान प्रेरित करने वाले मूल्यों की ओर लौटने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘युवा पीढ़ी को गांधी जी, बाबा साहब और अन्य के आंदोलनों के स्रोतों को जानने के लिए आगे आना चाहिए। इससे उन्हें पता चलेगा कि हमारे गणतंत्र के संस्थापक किस तरह से श्री रामानुजाचार्य के जीवन और कार्यों की परम्परा से जुड़े हुए थे।’

120 किलोग्राम की स्वर्ण प्रतिमा समता मूर्ति का अनावरण

इससे पहले राष्ट्रपति कोविंद ने रंगारेड्डी जिले के मुचिन्ता में समता मूर्ति केंद्र में 120 किलोग्राम की स्वर्ण प्रतिमा समता मूर्ति का अनावरण किया। इसके पश्चात राष्ट्रपति ने स्वर्ण मूर्ति की विशेष पूजा-अर्चना की। राष्ट्रपति दिव्यादेश में 108 वैष्णव मंदिर और 216 फुट ऊंची रामानुजाचार्य प्रतिमा पर भी गए।