Site icon hindi.revoi.in

बिहार विधानसभा भवन के शताब्‍दी समारोह में बोले राष्ट्रपति कोविंद – लोकतांत्रिक मूल्‍यों का पालन किया जाना चाहिए

Social Share

पटना, 21 अक्टूबर। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार विधानसभा के सदस्‍यों से राज्‍य के विकास के लिए संकल्‍प लेने का आह्वान किया है। उन्होंने गुरुवार को यहां बिहार विधानसभा भवन के शताब्‍दी समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा कि लोगों की आकांक्षाओं का ध्‍यान रखा जाना चाहिए और लोकतांत्रिक मूल्‍यों का पालन किया जाना चाहिए।

राष्‍ट्रपति कोविंद ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार विधानसभा ने अपनी यात्रा के दौरान कई ऐतिहासिक बदलाव देखे हैं। देश की आजादी का अमृत महोत्‍सव मनाए जाने के दौरान बिहार विधानसभा का शताब्‍दी समारोह मनाया जाना बहुत अहम है। उन्होंने कहा, ‘बिहार की रत्नगर्भा धरती और यहां के स्नेही लोगों ने मुझे हमेशा बहुत आकर्षित किया है, इसलिए जब भी मैं बिहार आता हूं तो मुझे एक सुखद अनुभूति होती है।’

बिहार की धरती ने समतामूलक परंपरा स्थापित की है

रामनाथ कोविंद ने बिहार की विभूतियों का स्मरण करते हुए कहा, ‘जब भारत की संविधान-सभा द्वारा हमारे आधुनिक लोकतंत्र का नया अध्याय रचा जा रहा था, तब एक बार फिर बिहार की विभूतियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज से लगभग 2400 वर्ष पहले एक गरीब महिला ‘मुरा’ के पुत्र चंद्रगुप्त मौर्य को मगध का सम्राट बनाने से लेकर 1970 के दशक में, ईमानदारी और उज्ज्वल चरित्र के प्रतीक, जन-नायक कर्पूरी ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाने तक, बिहार की धरती ने समतामूलक परंपरा स्थापित की है।’

जयप्रकाश नारायण ने संकट के वक्त देशव्यापी संघर्ष को असाधारण नेतृत्व प्रदान किया

राष्ट्रपति ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण का उल्लेख करते हुए कहा, ‘हमारे स्वाधीन गणतंत्र की स्थापना के लगभग 25 वर्ष बाद, जब भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों पर कुठाराघात हुआ, तब बिहार के ही लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने लोकतंत्र के हित में देशव्यापी संघर्ष को असाधारण नेतृत्व प्रदान किया था।’

उन्होंने कहा, ‘गांधीजी के सिद्धांतों पर आधारित इस संवैधानिक अनुच्छेद को बिहार विधानसभा द्वारा कानून का दर्जा देकर लोक-स्वास्थ्य तथा समाज, विशेषकर कमजोर वर्ग की महिलाओं के हित में, एक बहुत कल्याणकारी अधिनियम बनाया गया। उस अधिनियम को कानून का दर्जा प्रदान करने का अवसर मुझे मिला था।’

छठ पूजा अब एक ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है

राष्ट्रपति ने पूरी दुनिया में लोकप्रिय छठ पूजा का उल्लेख करते हुए कहा कि छठ पूजा अब एक ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है। नवादा से न्यू-जर्सी तक और बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मैया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है। यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े उद्यमी लोगों ने विश्व-स्तर पर अपना स्थान बनाया है।

रामनाथ कोविंद ने विधानसभा के सदस्यों का आह्वान करते हुए कहा, ‘मेरी यह कामना है कि आप सभी विधायक-गण आज इस सदन में लिए गए संकल्पों को कार्यान्वित करें तथा बिहार को एक सुशिक्षित, सुसंस्कारित और सुविकसित राज्य के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील बने रहें।’

राज्‍यपाल फागू चौहान, विधानसभा अध्‍यक्ष विजय कुमार सिन्‍हा और मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने भी समारोह को संबोधित किया। समारोह में शामिल होने के लिए पूर्व विधायकों और सांसदों को भी आमंत्रित किया गया था।

विधानसभा भवन परिसर में बोधि वृक्ष का पौधा भी लगाया

इससे पहले, राष्‍ट्रपति ने शताब्‍दी स्‍मृति टावर की आधारशिला रखी और विधानसभा भवन परिसर में बोधि वृक्ष का पौधा भी लगाया। वर्तमान विधानसभा भवन में सात फरवरी, 1921 को संयुक्त बिहार और ओड़िशा प्रांतीय परिषद के पहले सत्र का आयोजन हुआ था।

Exit mobile version