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संसदीय प्रणाली में लोक लेखा समिति का महत्वपूर्ण स्थान : राष्ट्रपति कोविंद

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नई दिल्ली, 4 दिसंबर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि संसदीय प्रणाली में विवेक, बुद्धिमानी और शिष्‍टाचार को बनाए रखने के लिए लोक लेखा समिति (पीएसी) का महत्वपूर्ण स्थान है।

संसद के केंद्रीय कक्ष में शनिवार को आयोजित लोक लेखा समिति के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि गांधीजी ने सार्वजनिक जीवन में साफ-सुथरी छवि के लिए लेखा-जोखा रखना आवश्यक माना। उन्होंने कहा कि लोक लेखा के दर्शन को कौटिल्य के समय से ही नहीं बदला गया है।

पीएसी की रिपोर्ट हमेशा व्यवस्था में सुधार का प्रयास करती है : वेंकैया नायडू

उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि पीएसी की रिपोर्ट हमेशा व्यवस्था में सुधार का प्रयास करती है। इस समिति ने अपनी गौरवशाली कार्य परंपराओं में कई वित्तीय खामियों का पता लगाया है। नायडू ने सुझाव दिया कि संसद की बैठक एक वर्ष में सौ दिन की होनी चाहिए।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि लोक लेखा समिति संसद की सबसे महत्वपूर्ण समितियों में से एक है। उन्‍होंने पीएसी सदस्यों को समर्पित भाव से काम करने के लिए बधाई दी।

अधीर रंजन बोले – समिति हमेशा निष्पक्ष तरीके से काम करती है

लोक लेखा समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीएसी सरकारी धन की पारदर्शिता और जवाबदेही को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि समिति हमेशा निष्पक्ष तरीके से काम करती है।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर समिति के 100 गौरवशाली वर्षों पर प्रकाशित एक विशेष स्मारिका का विमोचन भी किया। इसमें कुल 67 लेख हैं, जिसमें 15 लेख राष्‍ट्रमंडल देशों से हैं। उन्होंने 1921 से 2021 तक पीएसी के ऐतिहासिक क्षणों को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

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