इंदौर,18 सितम्बर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने इंदौर प्रवास के दौरान बुधवार को मृगनयनी एंपोरियम में बुनकरों द्वारा हाथकरघा पर तैयार की गई रेशम एवं कॉटन की चंदेरी, महेश्वरी साड़ियां देखीं। इस दौरान उन्होंने आदिवासी क्षेत्र के हस्तशिल्पी, बुनकरों एवं जनजाति कारीगरों से रूबरू होकर चर्चा की और उनकी कला को सराहा।
कलाकारों द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपने हाथों से निर्मित हस्तशिल्प भी भेंट किया गया। ये सभी कलाकार अपनी विधा में पारंगत हैं और राष्ट्रीय स्तर पर इनकी एक अलग ही पहचान है। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक एवं सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव डॉ. नवनीत मोहन कोठारी भी उपस्थित थे।
‘हमारी पुरानी संस्कृति एवं परम्परा संजो कर एवं संरक्षित रखने की जरूरत‘
राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने कलाकारों से चर्चा के दौरान कहा, ‘हमारी पुरानी संस्कृति एवं परम्परा को संजो कर एवं संरक्षित रखने की जरूरत है। ये कलाकार इसमें अच्छा योगदान दे रहे हैं। इन्हें प्रोत्साहन देने की जरूरत है, जिससे इन कलाकारों को रोजगार के अवसर मिल सकेंगे। राष्ट्रपति मुर्मू को इन सभी कलाकारों ने अपने द्वारा निर्मित सामग्री भेंट दी। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने इन कलाकारों के आग्रह पर उनके साथ तस्वीर भी खिंचवाई।
राष्ट्रपति मुर्मू मृगनयनी एंपोरियम में हथकरघा पर निर्मित साड़ियां और उनकी कलाकारी देखकर प्रसन्न हुई। वहां कार्यरत महिला कर्मचारियों से उन्होंने साड़ियों के नाम एवं पैटर्न की जानकारी ली। इस पर उन्हें चंदेरी, महेश्वरी, कॉटन एवं सिल्क की साड़ियां दिखायी गई और उनके बारे में विस्तार से बताया गया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने हल्के पिंक रंग की महेश्वरी साड़ी खरीदी
द्रौपदी मुर्मू ने महिला कर्मचारियों से अपनी पसंद की हल्के रंग की एक साड़ी उनके लिए चुनने का अनुरोध किया, जिस पर सरिता गव्हाड़े ने उन्हें हल्के पिंक रंग की महेश्वरी साड़ी पसंद कर दी। राष्ट्रपति ने इस साड़ी का काउंटर पर जाकर यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान भी किया। काउंटर के कर्मचारी कविता भिलवारे एवं विपुल सिंह द्वारा डिजिटल पेमेंट जमा कराया गया। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी प्रदेश की ओर से चंदेरी साड़ी भेंट की।