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राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ऑनलाइन गेमिंग बिल बना कानून, उल्लंघन पर होगी 3 वर्ष की जेल, एक करोड़ तक जुर्माना

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नई दिल्ली, 22 अगस्त। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ‘ऑनलाइन गेमिंग (प्रमोशन और रेग्युलेशन) बिल 2025’ को मंजूरी दे दी है। यह बिल संसद के दोनों सदनों से इस हफ्ते ही पास हुआ था। इस कानून का मकसद ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देना है, लेकिन ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स पर पूरी तरह से रोक लगाना है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही अब ऑनलाइन गेमिंग बिल ने कानून की शक्ल ले ली है।

केंद्र सरकार का कहना है कि इस कदम से नशे की लत, आर्थिक नुकसान और आत्महत्या जैसे खतरों को रोका जा सकेगा। साथ ही, ई-स्पोर्ट्स को अब कानूनी मान्यता मिलेगी और युवाओं के लिए खेल का नया क्षेत्र खुलेगा।

नए कानून से क्या अहम बदलाव होंगे?

मनी गेम्स पर सरकार की सख्ती

इस कानून के तहत पैसे वाले ऑनलाइन गेम्स को चलाना, उसका विज्ञापन करना या उनसे जुड़ा लेन-देन करना अपराध होगा। हालांकि, खिलाड़ियों पर कोई सजा नहीं होगी। लेकिन ऐसे गेम चलाने वाले, विज्ञापन देने वाले और आर्थिक मदद करने वालों को जेल और जुर्माना झेलना पड़ सकता है।

क्या-क्या हो सकती है सजा?

समाज को सुरक्षित रखना राजस्व नुकसान से ज्यादा अहम

सरकार ने अधिकारियों को यह भी अधिकार दिया है कि वे ऑनलाइन या ऑफलाइन संपत्ति जब्त कर सकें और जरूरत पड़ने पर बिना वारंट गिरफ्तारी भी कर सके। सूत्रों के अनुसार इस कानून से सरकर को सलाना 15 हजार से 20 हजार करोड़ रुपये तक GST का नुकसान हो सकता है। लेकिन, आईटी मंत्रालय का कहना है कि राजस्व नुकसान से ज्यादा अहम समाज को सुरक्षित रखना है।

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