लखनऊ, 10 मई। लोकसभा चुनाव में एनडीए की बड़ी जीत में बाधक बनने वाले उप्र. के नेता व अधिकारियों के नाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखने की तैयारी है। मुख्यमंत्री के दिल्ली से लौटकर आने पर विश्वासपात्र चुनाव के दौरान भितरघात करने वाले एक-एक नाम का ब्योरा मय सबूत मुख्यमंत्री के सामने रखने की तैयारी में हैं। इन नामों पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मंत्रणा के बाद कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं, करीबियों की कुंडली भी खंगाली जानी है जो सही तस्वीर का बखान नहीं कर रहे थे। 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी से पहले ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाना प्राथमिकता पर है।
दरअसल, भितरघात का मामला गंभीर इसलिए है, क्योंकि इसको लेकर न केवल हारे हुए कई उम्मीदवारों ने आरोप लगाया है बल्कि कुछ जीते हुए सांसदों ने भी ऐसे ही संकेत दिए हैं। कुछ विधायकों से नाराज हैं तो किसी का आरोप है कि उन्हें स्थानीय संगठन के नेताओं का समर्थन अपेक्षानुरुप नहीं मिला। इसे लेकर पार्टी प्रमुख ने सभी जिला व महानगर इकाइयों से रिपोर्ट तलब की है। एक ओर संगठन स्तर से रिपोर्ट तैयार की ही जा रही है तो वहीं मुख्यमंत्री स्तर से भी उनके विश्वासपात्र पड़ताल कर सूचना दे रहे हैं।
उप्र. में सभी 80 सीटें जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही भाजपा को मात्र 33 सीटें ही मिलीं। साथ ही हारे हुए प्रत्याशियों ने खुलकर भितरघातियों को कटघरे में खड़ा कर दिया। फतेहपुर सीट से चुनाव हारीं केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने तो हार के तुरंत बाद इस पर प्रतिक्रिया दे दी थी। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने जीत में सेंध लगाने वालों के नाम भी संगठन को दिए हैं। जालौन सीट से हारे केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा ने भी साध्वी की तरह क्षेत्रीय पार्टीजन में दो को आरोपी बताया है। हारीं सीटों कन्नौज, बांदा, इटावा, हमीरपुर में भी भितरघात की चर्चा है। वहीं, उन्नाव से साक्षी महाराज जीते तो अवश्य, लेकिन काफी कम अंतर से, ऐसे में वह अपनों के असहयोग से वह दुखी हैं।
इसी तरह चंदौली से भाजपा प्रत्याशी डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने भी अपनी पीड़ा सीधे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचाने की बात कही। आंवला के मौजूदा सांसद धर्मेंद्र कश्यप की हार में भी भितरघात को कारण बताया जा रहा है। खीरी सीट पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की सीट पर चुनाव के दौरान गुटबाजी दिखी।
इलाहाबाद-कौशांबी धौरहरा लोकसभा सीट से हारीं भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा और इलाहाबाद सीट से भाजपा प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी ने संगठन के पदाधिकारियों को कुछ भितरघातियों के नाम बताए हैं। इन नामों में पुलिस-प्रशासन के अधिकारी भी हैं। ऐसे उदाहरण सलेमपुर, बलिया, आगरा, फिरोजाबाद, एटा से भी सामने आए।
राजा भैया को लेकर भी सवाल
संगठन के लिए बड़ा सवाल यह भी है कि कुंडा विधायक और जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया भाजपा से मैनेज क्यों न हो सके। जबकि उन्हें साधने के लिए केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और कौशांबी से पार्टी प्रत्याशी विनोद सोनकर कुंडा की बेती कोठी पहुंचे थे। बाद में राजा भैया ने घोषणा की कि इस लोकसभा चुनाव में वह किसी भी दल को समर्थन नहीं देंगे। बावजूद इसके राजा भैया का राजनीतिक दांव क्षेत्र विशेष में भाजपा पर भारी पड़ा।