नई दिल्ली, 11 मार्च। लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान के पहले केंद्र सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है। सूत्रों की मानें तो आज रात गृह मंत्रालय की तरफ से इसकी अधिसूचना जारी की जा सकती है। इसके बाद आज से ही देश में नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए लागू हो जाएगा।
दरअसल, CAA संसद से पारित हुए करीब पांच साल बीत चुके हैं। गृह मंत्री अमित शाह अपने चुनावी भाषणों में कई बार CAA को लागू करने की बात कह चुके हैं। बीते दिनों उन्होंने एलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्रालय की तरफ से इसे लागू करने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और सोमवार की रात इसका नोटिफिकेशन जारी हो सकता है।
तीन मुस्लिम देशों के अल्पसंख्यकों को मिलेगी नागरिकता
CAA के तहत मुस्लिम समुदाय को छोड़कर तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले बाकी धर्मों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने सीएए से संबंधित एक वेब पोर्टल भी तैयार कर लिया है, जिसे नोटिफिकेशन के बाद लॉन्च किया जाएगा।
तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी मुल्कों से आने वाले वहां के अल्पसंख्यकों को इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और सरकारी जांच पड़ताल के बाद उन्हें कानून के तहत नागरिकता दी जाएगी। इसके लिए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए विस्थापित अल्पसंख्यकों को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।
2019 में केंद्र सरकार ने कानून में किया था संशोधन
उल्लेखनीय है कि 2019 में नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने नागरिकता कानून में संशोधन किया था। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से 31 दिसम्बर 2014 से पहले आने वाले छह अल्पसंख्यकों (हिन्दू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी) को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था। नियमों के अनुसार नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा।
2020 से लिया जा रहा एक्सटेंशन
स्मरण रहे कि संसदीय प्रक्रियाओं की नियमावली के मुताबिक किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की सहमति के छह महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए। ऐसा न होने पर लोकसभा और राज्यसभा में अधीनस्थ विधान समितियों से विस्तार की मांग की जानी चाहिए। सीएए के केस में 2020 से गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए संसदीय समितियों से नियमित अंतराल में एक्सटेंशन लेता रहा है।
9 राज्यों में दी जा रही नागरिकता
पिछले दो वर्षों में नौ राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिन्दुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने की शक्तियां दी गई हैं।
गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक एक अप्रैल, 2021 से 31 दिसम्बर 2021 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के इन गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई है। जिन नौ राज्यों में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी गई है, वे गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र हैं।