नई दिल्ली, 5 मई। गृह मंत्रालय (MHA) ने विभिन्न राज्यों को नागरिक सुरक्षा तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए आगामी सात मई को राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल करने का निर्देश दिया है। अभ्यास में हवाई हमले के सायरन को सक्रिय करना, नागरिकों और छात्रों को बुनियादी आत्म-सुरक्षा में प्रशिक्षण देना, क्रैश ब्लैकआउट प्रोटोकॉल की जाँच करना, प्रमुख बुनियादी ढांचे को छिपाना और निकासी योजनाओं की समीक्षा और पूर्वाभ्यास करना शामिल होगा। भारत सरकार के सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि गत 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। उस हमले के मद्देनजर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है और सरकार ने कहा है कि आतंकी हमले के दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।
मॉक ड्रिल के ये अहम बिंदु
- हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन।
- शत्रुतापूर्ण हमले की स्थिति में खुद को बचाने के लिए नागरिक सुरक्षा पहलुओं पर नागरिकों, छात्रों को प्रशिक्षण देना।
- क्रैश ब्लैकआउट उपायों का प्रावधान।
- महत्वपूर्ण संयंत्रों/स्थापनाओं को समय से पहले छिपाने का प्रावधान।
- निकासी योजना का अद्यतनीकरण और उसका पूर्वाभ्यास।
फिरोजपुर कैंट क्षेत्र में ब्लैकआउट के लिए रिहर्सल
इसके पूर्व रविवार को पूरे फिरोजपुर कैंट क्षेत्र में ब्लैकआउट के लिए 30 मिनट का रिहर्सल किया गया। इस दौरान कैंटोनमेंट बोर्ड/स्टेशन कमांडर के दिशा-निर्देशों पर रिहर्सल की गई।
फिरोजपुर कैंट थाने के एसएचओ गुरजंट सिंह ने बताया, ‘ब्लैकआउट रात 9 बजे से साढ़े नौ बजे तक था.वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के अनुसार लाइटें पूरी तरह बंद कर दी गईं। अगर कोई वाहन लाइट जला हुआ मिला तो उसे बंद कर दिया गया…पुलिस पूरी तरह सतर्क है। सभी चौराहों पर पुलिस बल तैनात किया गया है।’
सेना को खुली छूट
उल्लेखनीय है कि पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर सरकार ने सशस्त्र बलों को भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने के लिए पूरी छूट दी है। सरकार ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने के लिए सिंधु जल संधि को स्थगित करने सहित कई उपायों की भी घोषणा की है।

