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वंदे भारत ट्रेन प्रोजेक्ट के विस्तार की तैयारी, रेलवे ने टाटा ग्रुप को दिया बड़ा कॉन्ट्रैक्ट

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नई दिल्ली, 11 मार्च। केंद्र सरकार देश में तेज और सुरक्षित संचार के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में सड़क संपर्क परियोजना का काम तेजी से चल रहा है। वहीं अब जल्द ही वंदे भारत ट्रेन प्रोजेक्ट का विस्तार होने जा रहा है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसे आधुनिक भारत की तेज पहचान के तौर पर देखा जाता है।

टाटा स्टील 22 ट्रेनों का निर्माण करेगी

वंदे भारत ट्रेन प्रोजेक्ट के विस्तार के क्रम में निकट भविष्य में देश में और भी वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत होगी। इसके लिए टाटा समूह को इन विशेष ट्रेनों के निर्माण का ठेका दिया गया है। एक वर्ष के भीतर नई वंदे भारत एक्सप्रेस टाटा कारखाने से निकलेगी और देश की सेवा करेगी। ट्रेनों के निर्माण में तेजी लाने के लिए भारतीय रेलवे और टाटा स्टील के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।

भारतीय रेलवे ने जारी किया 145 करोड़ रुपये का टेंडर

वंदे भारत एक्सप्रेस में टाटा ग्रुप द्वारा फर्स्ट क्लास एसी से लेकर थ्री टियर कोच तक सभी आरामदायक व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के एलएचबी कोच बनाने का ठेका टाटा को दिया है। इसके तहत पैनल, विंडो और रेल  का पूरा प्लान तैयार किया जा रहा है। इस योजना के तहत भारतीय रेलवे ने 145 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है। ये सभी ठेके टाटा समूह को दिए गए हैं।

टाटा स्टील अगले 12 महीनों में 22 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन बनाने जा रही है। यह एक बड़ा वर्क ऑर्डर है। टाटा पूरे रेल लेआउट और पैनल, विंडो और रेल लेआउट को डिजाइन करेगी। आदेश मिलते ही टाटा स्टील ने इसके लिए निर्माण प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस ट्रेन में 16 कोच होंगे और टाटा कम्पनी 22 ट्रेनों की साधारण व्यवस्था करने जा रही है।

200 नई ट्रेनें शुरू करने का लक्ष्य

रेलवे ने अगले दो वर्षों में 200 नई ट्रेनें शुरू करने का लक्ष्य रखा है। एक रिपोर्ट के अनुसार रेलवे अगले वर्ष यानी 2024 की पहली तिमाही में ही वंदे भारत ट्रेन में पहला स्लीपर कोच तैयार कर लेगा। नई वंदे भारत एक्सप्रेस की सुचारू व्यवस्था खास होगी। यह सीट 180 डिग्री तक घूमेगी तो यात्रियों को विमान में बैठने की व्यवस्था जैसी सुविधा मिलेगी। टाटा स्टील के उपाध्यक्ष (टेक्नोलॉजी एंड न्यू मैटेरियल्स बिजनेस) देबाशीष भट्टाचार्य ने यह जानकारी दी। बैठने की इस तरह की व्यवस्था करने वाली यह पहली ट्रेन होगी।

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