प्रयागराज, 12 नवम्बर। उत्तर प्रदेश में पीसीएस प्री परीक्षा सात व आठ दिसम्बर और आरओ/एआरओ परीक्षा 22 व 23 दिसम्बर को दो दिनों में कराने तथा नॉर्मलाइजेशन लागू करने के उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के फैसले से उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस क्रम में यूपी लोक सेवा आयोग कार्यालय के सामने 20,000 से अधिक छात्र धरने पर बैठे हैं। इन छात्रों की मांग है कि प्रदेश में पीसीएस प्री और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को एक ही दिन व एक ही पाली में आयोजित कराई जाए।
लाठी चार्ज के बाद भी आयोग कार्यालय के सामने डटे हैं छात्र
छात्रों का इस धरना खत्म करने के लिए प्रयागराज पुलिस प्रशासन में सोमवार को लाठीचार्ज कर उन्हे हटाने का प्रयास किया। इसके बाद भी छात्र वहां डटे हुए हैं और गुस्साए छात्रों ने आयोग के गेट पर लगे बोर्ड पर चिलम सेवा आयोग तथा गेट की दीवार पर लूट सेवा आयोग लिखकर अपने आक्रोश का इजहार किया है।
छात्रों का सरकार को चैलेंज
छात्रों की नाराजगी को देखते हुए मंगलवार को सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रयागराज के सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें। बताया जा रहा है कि राज्य में नौ विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनावों के बीच छात्रों का अचानक इस तरह से धरने पर बैठने के योगी सरकार की धूमिल हो रही छवि को ध्यान में रखते हुए केशव प्रसाद मौर्य सामने आए हैं। उनके इस कथन के बाद प्रयागराज के जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर धरने पर बैठे छात्रों को मनाने पहुंचे, लेकिन छात्र अपनी मांगों पर डटे रहे।
‘न बंटेंगे और न हटेंगे, अपनी मांगों को मनवाएंगे‘
इन छात्रों ने नारा लगाया – ‘न बंटेंगे और न हटेंगे, अपनी मांगों को मनवाएंगे’। छात्रों की इस चुनौती को देखते हुए आयोग के अफसरों ने भी धरने पर बैठे अभ्यर्थियों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की और कहा उनकी मांगों पर विचार करने के लिए एक कमेटी बना दी जाती है। आयोग के इस तर्क को छात्रों ने ठुकरा दिया और कहा कि अब आयोग को निर्णय लेना है। परीक्षा की बहाली होने पर ही वे हटेंगे।
दरअसल, छात्रों ने बीते माह भी ‘नो नॉर्मलाइजेशन’ और ‘वन डे वन शिफ्ट’ की मांग को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया था, लेकिन यूपीपीएससी ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया। अब छात्रों का कहना है कि जब एक या एक से ज्यादा शिफ्ट में परीक्षा होती है तो वहां नॉर्मलाइजेशन आएगा। दोनों दिन के पेपर सेट अलग-अलग होते हैं और उनके सवाल भी अलग-अलग होते हैं।
ऐसे में एक शिफ्ट का पेपर कठिन हो सकता है तो दूसरे शिफ्ट का आसान हो सकता है। इस तरह दोनों शिफ्टों की परीक्षा कभी समान लेवल की नहीं हो सकती है। उस स्थिति में दोनों शिफ्ट को नार्मल करना होता है ताकि किसी बच्चे को नुकसान न हो, इसलिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाती है। नाराज अभ्यर्थी इसे डक वर्थ लुइस नियम की तरह बता रहे हैं।
छात्रों का कहना है कि पीसीएस से ज्यादा आरओ-एआरओ की परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन असर करेगा। जितनी ज्यादा शिफ्ट होती हैं, नॉर्मलाइजेशन का असर उतना ज्यादा होता है। इस लिए वे यूपीपीएससी के फैसले का विरोध कर रहे हैं।
डिप्टी सीएम केशव मौर्य का छात्रों को समर्थन
भाजपा के एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मानते हैं कि छात्रों की मांग ठीक है, लेकिन यूपीपीएससी अपने फैसले पर विचार करने को तैयार नहीं है, जिसके चलते ही विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
अखिलेश हुए हमलावर, सरकार आई हरकत में
इस बीच दो दिनों से प्रदर्शनरत छात्रों के पक्ष में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अब खुल कर उतार आए हैं। उन्होंने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘पूरे देश में एक साथ चुनाव तो करवा सकते हैं, लेकिन एक प्रदेश में एक साथ परीक्षा नहीं। भाजपा के ढोंग का भंडाफोड़ हो गया है। ये लोग बातें चांद पर पहुंचने की करते हैं, लेकिन इनकी सोच पाताल की है। अब नहीं चलेगी सरकार झूठों और वाचाल की। छात्र कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा। जब भाजपा जाएगी, तब नौकरी आएगी।’
पूरे देश में एक साथ चुनाव तो करवा सकते हैं लेकिन एक प्रदेश में एक साथ परीक्षा नहीं। भाजपा के ढोंग का भंडाफोड़ हो गया है।
छात्र कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!
जब भाजपा जाएगी
तब नौकरी आएगी#uppsc#uppcs2024#no_normalization#ro_aro_onedayexam#uppsc_oneshift_onedayexam… pic.twitter.com/aQALim1CnX— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 12, 2024
अखिलेश यादव के सोशल मीडिया पर लिखी गई इस पोस्ट के बाद सूबे की योगी सरकार हरकत में आई है और उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य आगे आए हैं। ताकि पीसीएस प्री और आरओ/एआरओ परीक्षाओं में शामिल होने वाले 15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के परिवार को यह संदेश दिया जा सके कि सरकार छात्रों की मांगों को लेकर चिंतित है और इस मामले का हल निकालने के प्रयास कर रही है।