हाथरस, 8 दिसम्बर। अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद (AHP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि यदि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हमले और मंदिरों को तोड़ने जैसी घटनाएं जारी रहीं तो भारत सरकार को अपनी सेना भेजने की तैयारी करनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने बांग्लादेश को चार हिस्सों में विभाजित करने का भी सुझाव दिया।
हाथरस दौरे पर आए विश्व हिन्दू परिषद (VHP) के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष तोगड़िया ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘हिन्दुओं के ऊपर किसी भी प्रकार का हमला अस्वीकार्य है। भारत बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को सहन नहीं करेगा। यदि वहां के हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं होती है तो भारत सरकार को सैन्य हस्तक्षेप करना होगा।’
हिन्दुओं पर बढ़ा अत्याचार
राम मंदिर आंदोलन के अग्रणी नेताओं में शामिल रहे प्रवीण तोगड़िया ने कहा, ‘हाल के वर्षों में बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय पर हमलों की घटनाओं में वृद्धि हुई है। मंदिरों में तोड़फोड़, संपत्ति पर कब्जा और धार्मिक असहिष्णुता जैसे मामलों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबका ध्यान आकर्षित किया है।’
यदाकदा अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले तोगड़िया ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए भारत सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा लंबे समय से हो रही है। मंदिरों पर हमले हो रहे हैं और हिन्दू परिवारों को मजबूर होकर पलायन करना पड़ रहा है। यह स्थिति न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन है बल्कि यह भारत के लिए भी चिंता का विषय है।’
भारत सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाया
तोगड़िया ने इस संबंध में भारत सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, ‘भारत सरकार को अब निर्णायक कदम उठाने होंगे। यदि भारत चुप रहता है तो यह हिन्दुओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को कमजोर करेगा।’ उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि भारत को बांग्लादेश को चेतावनी देने के साथ-साथ यह स्पष्ट करना चाहिए कि हिन्दुओं के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो भारत सरकार को सेना भेजने और बांग्लादेश को विभाजित करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
मस्जिदों को लेकर विवादित बयान
AHP अध्यक्ष तोगड़िया ने मस्जिदों को लेकर भी विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि देश में 400 साल पुरानी कई मस्जिदें ऐसी हैं, जो मंदिरों को तोड़कर बनाई गई हैं। ज्ञानवापी मस्जिद का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में भी देरी नहीं होनी चाहिए और जो भी सत्य है, उसे उजागर करना चाहिए। ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे होना चाहिए और इसमें किसी प्रकार की बाधा नहीं आनी चाहिए। यह मुद्दा हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा है और इसे टालने या खींचने का काम नहीं होना चाहिए।’