नई दिल्ली, 21 जून। जाने माने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की शानदार जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद अब नई रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके तहत वह 2024 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे को मजबूती प्रदान करने में जुट गए हैं।
विपक्षी दलों की एकजुटता की सुगबुहाट के बीच सोमवार को प्रशांत किशोर की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार के साथ 10 दिनों में दूसरी मुलाकात हुई और अब पवार के दिल्ली स्थित आवास पर मंगलवार को अपराह्न चार बजे राष्ट्र मंच के बैनर तले एक बैठक आहूत की गई है।
मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ गठित इस मंच की बैठक में विपक्षी दलों के कई नेताओं के जुटने की उम्मीद जताई जा रही है। वैसे राष्ट्र मंच की बैठक में शरद पवार पहली बार शामिल होंगे। लेकिन 80 वर्षीय एनसीपी मुखिया के घर पर बैठक होने से राष्ट्र मंच के फैसलों और गतिविधियां स्वतः महत्वपूर्ण हो जाएंगी।
यशवंत सिन्हा ने 2018 में किया था राष्ट्रमंच का गठन
गौरतलब है कि पूर्व भाजपा नेता और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वित्त मंत्री व विदेश मंत्री जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके चुके यशवंत सिन्हा ने वर्ष 2018 में पार्टी से अलग होने के बाद राष्ट्र मंच की स्थापना की थी। मंगलवार को होने वाली बैठक में पूर्व आईएएस 83 वर्षीय यशवंत सिन्हा और शरद पवार के अलावा विपक्षी दलों के लगभग 15 नेताओं की भागीदारी की संभावना है।
हाल ही में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए यशवंत सिन्हा ने देश की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर चर्चा के लिए राष्ट्र मंच का गठन किया था। इसमें विपक्षी दलों के विभिन्न नेताओं के अलावा गैर राजनीतिक लोग भी हिस्सा लेते रहे हैं। राष्ट्र मंच का मकसद केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना रहा है।
देखा जाए तो राष्ट्र मंच कोई राजनीतिक मंच नहीं है, लेकिन भविष्य में इसके माध्यम से किसी तीसरे विकल्प यानी तीसरा मोर्चा बनाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके बैनर तले सरकार के खिलाफ राजनीतिक समेत अन्य मसलों पर चर्चा होती है।
कांग्रेस नेता इस बैठक में नहीं होंगे शामिल
बताया जा रहा है कि राष्ट्र मंच की बैठक में कांग्रेस के नेता शामिल नहीं होंगे जबकि कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा और मनीष तिवारी राष्ट्र मंच से जुड़े रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक को तीसरे मोर्चे की कवायद माना जा रहा है, इसलिए भी कांग्रेस नेताओं ने इससे दूरी बनाई है।
सोनिया ने भी 24 जून को बुलाई है एआईसीसी की बैठक
दिलचस्प यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी देश के वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए 24 जून को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की बैठक बुलाई है। इस बैठक में कांग्रेस के सभी महासचिव, राज्यों के प्रभारी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे। आगामी मॉनसून सत्र और जम्मू-कश्मीर पर पीएम मोदी की सर्वदलीय बैठक से पहले यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।