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प्रशांत किशोर की घोषणा : बिहार की सभी 243 सीटों पर लड़ेगी जन सुराज, इनमें 40 महिला उम्मीदवार होंगी

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पटना, 25 अगस्त। जाने माने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी जन सुराज अगले वर्ष प्रस्तावित बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीटों पर लड़ेगी और उनमें कम से कम 40 सीटों पर महिला उम्मीदवार होंगी।

पीके के नाम से लोकप्रिय प्रशांत किशोर ने यहां बापू सभागार में आयोजित जन सुराज महिला संवाद कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान यह घोषणा की। उन्होंने साथ ही कहा कि 2030 में जब बिहार में चुनाव होंगे तो जन सुराज के प्लेटफॉर्म से प्रशिक्षित करके 70 से 80 महिलाओं को नेत्री बनाने का अभियान जारी रखा जाएगा।

आर्थिक आजादी के बिना समाज में महिलाओं की भागीदारी संभव नहीं

प्रशांत किशोर ने कहा कि जब तक महिलाओं को आर्थिक आजादी नहीं मिलेगी, तब तक उनकी भागीदारी समाज में समानता के आधार पर नहीं हो सकती। इसीलिए इस बार के चुनाव में 40 महिलाओं को कैंडिडेट के तौर पर खड़ा किया जाएगा और पहला लक्ष्य उन 40 महिलाओं को विधानसभा पहुंचना है।

इस बार बिहार में जनता की सरकार बनने वाली है

उन्होंने कहा कि इसके अलावा चार फीसदी ब्याज पर सरकारी गारंटी पर महिलाओं को रोजी रोटी कमाने और व्यापार करने के लिए पैसा मिले। यह प्रस्ताव भी आज महिला संवाद में पास हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार में जनता की सरकार बनने वाली है। उल्लेखनीय है कि आगामी दो अक्टूबर को जन सुराज पार्टी के गठन का एलान किया जाएगा।

जाति आधारित जनगणना की मांग पर राहुल गांधी को घेरा

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की देश में जाति आधारित जनगणना की मांग पर प्रशांत किशोर ने कहा कि राहुल सबसे पहले यह बताएं कि जाति जनगणना से यदि गरीबी दूर होती तो बिहार में गरीबी दूर क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा, ’60 वर्षों तक कांग्रेस की सरकार देश में थी। इस दौरान जाति जनगणना करवाकर देश की गरीबी को उन्होंने दूर क्यों नहीं करवाई। हम तो यही कहेंगे कि जिन-जिन राज्यो में कांग्रेस की सरकार है, उन सभी राज्य में जाति जनगणना करवाकर वहां की गरीबी दूर करवा लें। तो हम भी झंडा लेकर उनके मॉडल को अपनाएंगे।’

तेजस्वी को यही बिहार 6 माह पहले तक स्विट्जरलैंड नजर आता था

वहीं राज्य में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि को लेकर तेजस्वी यादव द्वारा नीतीश सरकार को घेरने के सवाल पर पीके ने कहा कि जब वह छह माह पहले महागठबंधन की सरकार में डिप्टी सीएम थे, तब उनको बिहार स्विट्जरलैंड नजर आता था और अब सरकार से बाहर हैं तो कत्लखाना नजर आ रहा है। अभी नीतीश कुमार फिर से महागठबंधन के साथ आ जाएं तो फिर से बिहार उन्हें (तेजस्वी) ठीक लगने लगेगा।