ग्वालियर, 6 अप्रैल। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इलेक्टोरल बॉण्ड इसका सबसे बड़ा रिश्वत कांड है। प्रशांत भूषण ने शनिवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में ये आरोप लगाया।
SBI के दस्तावेज में मनी ट्रेल स्पष्ट तौर पर नजर आ रही
प्रशांत भूषण ने कहा, ‘जिन लोगों ने सरकारी दबाव में करोड़ों रुपये के इलेक्टोरल बॉण्ड के रूप में सत्तारूढ़ दल को रिश्वत दी, वे सभी जांच के चंगुल से छूट गए। ये लोग सरकार से बड़े-बड़े कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने में सफल रहे। इसमें सरकारी एजेंसियों के अधिकारियों की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने इलेक्टोरल बॉण्ड से संबंधित जो दस्तावेज पेश किए हैं, उसमें मनी ट्रेल स्पष्ट तौर पर नजर आ रही है।’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में हुए 2G स्पेक्ट्रम और कोलगेट आवंटन को न्यायिक जांच के बाद निरस्त किया गया था क्योंकि कोर्ट ने माना था कि अवैध रूप से इनका आवंटन किया गया था जबकि उन मामलों में कोई मनी ट्रेल नहीं थी।
केजरीवाल की गिरफ्तारी का भी जताया कड़ा विरोध
प्रशांत भूषण ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर भी कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, ‘जिस व्यक्ति ने सत्तारुढ़ दल को 64 करोड़ का चंदा दिया, उसे ईडी ने जमानत पर रिहा कराके सरकारी गवाह बना लिया और एक चुने हुए मुख्यमंत्री को सीखचों के पीछे पहुंचा दिया।’ इसी क्रम में उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह 25 में से 22 ऐसे राजनीतिक दल के नेता भाजपा में आने के बाद एजेंसियों की जांच से बच गए, जिनके खिलाफ गंभीर मामले चल रहे थे।’
ईवीएम से धांधली के पूरे चांस
एक अन्य सवाल के जवाब में प्रशांत भूषण ने कहा, ‘ईवीएम और वीवीपेट मशीन में चिप होती है, इसे आसानी से हैक किया जा सकता है। ऊपर से सरकार ने 2017 में वीवीपेट के शीशे को ट्रांसपैरेंट से ब्लैक कर दिया। अब पर्ची दिखाई तो जरूर देती है, लेकिन वह कहां जाती है, इसका कुछ पता नहीं चलता। यूरोप के जर्मनी जैसे विकासशील देश में भी ईवीएम को प्रतिबंधित कर दिया गया है और इसमें गड़बड़ी की कोर्ट ने व्यापक संभावना जताई थी। बांग्लादेश जैसे छोटे से देश ने भी ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव शुरू किए हैं।’