नई दिल्ली, 25 फरवरी। देश का सरकारी प्रसारण केंद्र प्रसार भारती अपने दैनिक समाचार फीड के लिए अब पूरी तरह से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समर्थित समाचार एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार पर निर्भर रहेगा। दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो चलाने वाले प्रसार भारती ने हिन्दुस्थान समाचार के साथ एक विशेष अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रसार भारती ने 2020 में पीटीआई के साथ रद कर दिया था सब्सक्रिप्शन
प्रसार भारती ने वर्ष 2020 में प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) के साथ अपना सब्सक्रिप्शन रद कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हिन्दुस्थान समाचार 2017 से प्रसार भारती को निःशुल्क सेवाएं दे रहा है। दोनों पक्षों ने औपचारिक समझौता नौ फरवरी, 2023 को किया गया है।
सरकारी प्रसारण केंद्र समझौते के तहत एजेंसी को 7.7 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा
प्रसार भारती ने यह अनुबंध दो वर्ष यानी मार्च, 2025 तक के लिए किया है। इसके लिए सरकारी प्रसारण केंद्र हिन्दुस्थान समाचार को करीब 7.7 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। हिन्दुस्थान समाचार से किए गए समझौते में यह कहा गया है कि, हिन्दुस्थान समाचार को प्रतिदिन कम से कम 100 खबरें प्रसार भारती को देनी होंगी, जिनमें कम से कम 10 राष्ट्रीय खबरें और क्षेत्रीय भाषाओं में 40 स्थानीय खबरें शामिल होंगी।
गौरतलब है कि बीते कुछ वर्षों में केंद्र की मोदी सरकार के प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया और यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई) के साथ कड़वे रिश्ते के बाद प्रसार भारती ने यह कदम उठाया है।
प्रसार भारती के सूत्रों ने बताया कि सरकार ने 2017 में सार्वजनिक प्रसारक को निर्देशित किया था कि वह परंपरागत समाचार एजेंसियों के सेवाएं समाप्त कर दे। इसके पीछे उसने ‘अनुचित’ सब्सक्रिप्शन फीस का हवाला दिया था।
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार का मानना है कि पीटीआई और यूएनआई दोनों ‘एकपक्षीय’ खबरें दिया करते थे और सरकार ऐसी समाचार एजेंसी चाहती थी, जो सरकार की केवल सकारात्मक छवि दिखाए।