टोक्यो, 4 सितम्बर। मौजूदा विश्व नंबर एक भारतीय पैरा शटलर प्रमोद भगत ने उम्मीदों के अनुरूप यहां योयोगी नेशनल स्टेडियम में भी अपना पराक्रम जारी रखा और पुरुष एकल बैडमिंटन SL3 वर्ग के अपने बीडब्ल्यूएफ विश्व खिताब में पैरालंपिक स्वर्ण पदक भी जोड़ लिया। उनके अलावा मनोज सरकार कांस्य पदक जीतने में सफल रहे।
दो बार के विश्व विजेता और एशियाई चैंपियन 33 वर्षीय ओडिशावासी प्रमोद ने शनिवार को फाइनल में विश्व नंबर दो ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 45 मिनट में 21-14, 21-17 से हराने के साथ ही इतिहास रच दिया क्योंकि वह पैरालंपिक की बैडमिंटन स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय शटलर बन गए हैं।
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— Paralympic Games (@Paralympics) September 4, 2021
एसएल वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिन्हें खड़े होने में दिक्कत हो या निचले पैर का विकार हो, जबकि एसयू में ऊपरी हिस्से के विकार वाले एथलीट खेलते हैं.
भारत की झोली में अब तक 4 स्वर्ण सहित 17 पदक
प्रमोद व मनोज की उपलब्धियों के सहारे भारत के खाते में आज दो स्वर्ण सहित चार पदक जुड़े। इसके पूर्व निशानेबाज मनीष ने P4 मिश्रित 50 मीटर पिस्टल SH1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था और उनके सहयोगी सिंहराज अधाना रजत जीतने में सफल रहे थे। इसके साथ ही भारत के पदकों की संख्या अब 17 हो गई है, जिनमें चार स्वर्ण, सात रजत और छह कांस्य पदक शामिल हैं।
प्रमोद ने दोनों गेमों में पिछड़ने के बाद वापसी की
मुकाबले की बात करें तो भुवनेश्वर के रहने वाले सर्वोच्च वरीयता प्राप्त प्रमोद के खिलाफ पहले गेम में दूसरे वरीय बेथेल ने एक समय 6-3 की बढ़त बना ली थी। लेकिन इसके बाद प्रमोद ने लगातार पांच अंक लेकर 8-6 की बढ़त बनाई। गेम अंतराल के समय भारतीय खिलाड़ी ने 11-8 से आगे था। फिर ब्रिटिश खिलाड़ी ने आठ अंक बटोरकर वापसी की कोशिश की, लेकिन यह नाकाफी था। अंततः प्रमोद ने पहला गेम 21 मिनट में जीत लिया.
दूसरे गेम में भी बेथेल ने बेहतरीन शुरुआत करते हुए गेम अंतराल के समय 11-4 की बढ़त ले ली थी। फिर प्रमोद ने लगातार प्वाइंट्स बटोर कर स्कोर 15-11 से बराबर कर दिया। यहां से भारतीय खिलाड़ी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 24 मिनट में दूसरा गेम जीतकर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।
सुहास और कृष्णा से भी स्वर्ण की उम्मीद
इस बीच सुहास एल. यथिराज और कृष्णा नागर भी फाइनल में प्रवेश कर चुके हैं। एसएल4 क्लास में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी व नोएडा के जिलाधिकारी सुहास का फाइनल में सामना रविवार को फ्रांस के लुकास मजूर से होगा। उधर कृष्णा नागर का एसएच6 वर्ग के फाइनल में रविवार को ही हांगकांग के चु मान काई से सामना होगा।
प्रमोद व पलक की मिश्रित जोड़ी कांस्य पदक के लिए लड़ेगी
एकल के अलावा प्रमोद अभी मिश्रित युगल एसएल3-एसयू5 क्लास में कांस्य पदक की दौड़ में बने हुए हैं। भगत और उनकी जोड़ीदार पलक कोहली का रविवार को कांस्य पदक के प्लेऑफ में जापान के दाईसुके फुजीहारा और अकिको सुगिनो से मुकाबला होगा।
5 वर्ष की उम्र में पोलियो के शिकार हो गए थे प्रमोद
पहली बार पैरालंपिक खेलों में भाग लेने वाले प्रमोद पांच वर्ष की उम्र में पोलियो के शिकार हो गए थे, जिस कारण उनका बायां पैर विकृत हो गया था। उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण समेत 45 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं। बीडब्ल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप में पिछले आठ वर्षों में उन्होंने दो स्वर्ण और एक रजत जीते। 2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक स्वर्ण और एक कांस्य जीता।
पीएम मोदी ने प्रमोद व मनोज को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमोद भगत और मनोज सरकार को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा – ‘प्रमोद भगत ने पूरे देश का दिल जीत लिया है। वह एक चैंपियन हैं, जिनकी सफलता लाखों लोगों को प्रेरित करेगी। उन्होंने अद्भुत लचीलापन और दृढ़ संकल्प दिखाया। उन्हें बैडमिंटन में गोल्ड जीतने के लिए बधाई। भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।’
पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘मनोज सरकार के शानदार प्रदर्शन से बहुत खुश हूं। बैडमिंटन में प्रतिष्ठित कांस्य पदक स्वदेश लाने के लिए उन्हें बधाई। आने वाले समय के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।’
भाला प्रक्षेप में नवदीप चौथे स्थान पर रहे
उधर एथलेटिक्स मुकाबलों में नवदीप भाला प्रक्षेप F41 वर्ग में चौथा स्थान पा सके। उन्होंने 40.80 मीटर का प्रक्षेप किया।