नई दिल्ली, 20 मार्च। गुजरात में भगवद गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के बाद से कई और राज्यों में इसे शामिल करने की चर्चाएं तेज हैं।
इस बीच संसदीय मामलों, कोयला और खनन मंत्री प्रहलाद जोशी ने हर राज्य सरकार को स्कूलों में भगवद गीता पेश करने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा, ‘भगवद गीता हमें नैतिकता सिखाती है और हमें समाज की भलाई के प्रति जिम्मेदारी प्रतीत कराती है और यही बच्चे भी सीखेंगे।’
प्रहलाद जोशी ने कहा, ‘गीता में कई नैतिक कहानियां हैं, जो हमारे छात्रों को प्रेरित कर सकती हैं। स्कूली पाठ्यक्रम में गीता को शामिल करने से बच्चों में इसका अच्छा असर दिखेगा और उनके व्यवहार में भी सुधार आएगा।’
जोशी के अनुसार हर राज्य सरकार इस बारे में सोच सकती है और इसे लागू कर सकती है। इससे पहले गुरुवार को गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने कहा था कि भगवद गीता स्कूलों में पेश की जाएगी।
गौरतलब है कि गुजरात सरकार राज्य के स्कूलों में भगवद गीता पढ़ाने की घोषणा कर चुकी है। शिक्षा विभाग के लिए बजट आवंटन पर चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने बताया था कि सरकार ने कक्षा 6-12 से बच्चों की समझ और रुचि के अनुसार गीता का परिचय कराने का फैसला लिया है।
स्कूलों में भगवद गीता को कक्षा 6 से 8 तक की पाठ्य पुस्तकों में कहानी और पाठ के रूप में पेश किया जाएगा और इसे पढ़ना अनिवार्य होगा। राज्य में नई शिक्षा नीति लाई जाएगी जिसके तहत कुछ बुनियादी सिद्धांत बनाए गए हैं। इससे छात्रों को भारत की प्राचीन और आधुनिक संस्कृति से जुड़ाव महसूस कराने की कोशिश की जाएगी।