नई दिल्ली, 17 जनवरी। देश के किशोरवय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने नीदरलैंड्स के विक आन जी में जारी टाटा स्टील मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट में पिछली शाम मौजूदा विश्व चैम्पियन शतरंज खिलाडी डिंग लिरेन को मात दी।
18 वर्षीय प्रज्ञानानंद ने चौथे दौर में काले मोहरों से खेलते हुए डिंग लिरेन को हराया। इस जीत के साथ वह आनंद के बाद दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्होंने क्लासिकल शतरंज में मौजूदा विश्व चैम्पियन को हराया। प्रज्ञानानंद ने इससे पहले 2023 में टाटा स्टील मास्टर्स टूर्नामेंट में भी लिरेन हराया था।
फिलहाल अस्थायी रूप से देश के नंबर एक खिलाड़ी हैं प्रज्ञानानंद
प्रज्ञानानंद इसी जीत के सहारे पांच बार के पूर्व विश्व चैम्पियन आनंद से FIDE की लाइव रेटिंग में आगे निकल गए हैं। प्रज्ञानानंद 2748.3 रेटिंग के साथ पहली बार भारत के शीर्षस्थ शतरंज खिलाडी भी बन गए हैं जबकि विश्वनाथन आनंद की रेटिंग 2748 है। प्रज्ञानानंद फिलहाल अस्थायी तौर पर भारत के नंबर एक खिलाड़ी हैं। यदि वह अपनी बढ़त बरकरार रखने में सफल होते हैं तो फरवरी की FIDE रेटिंग में आधिकारिक रूप से भारत के नंबर एक खिलाड़ी बन जाएंगे।
🇮🇳 Praggnanandhaa beats World Champion 🇨🇳 Ding Liren with the black pieces in the fourth round of the Tata Steel Chess Tournament! @rpraggnachess has overtaken Vishy Anand in the live ratings and is temporarily India's #1 player. Will he maintain his lead and become India's… pic.twitter.com/KWXnM6SBH7
— International Chess Federation (@FIDE_chess) January 17, 2024
मैच के बाद प्रज्ञानानंद ने कहा कि वह नतीजे से हैरान हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि विश्व चैम्पियन इस तरह से बाहर हो जाएगा। वह अभिमन्यु मिश्रा, सर्गेई कारजाकिन, गुकेश डी और जावोखिर सिंदारोव के बाद ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल करने वाले पांचवें सबसे कम उम्र के खिलाड़ी हैं। संयोग से, उनकी बड़ी बहन आर. वैशाली भी ग्रैंडमास्टर हैं, जो भाई-बहन को दुनिया की पहली भाई-बहन ग्रैंडमास्टर जोड़ी बनाती है।
उल्लेखनीय है कि प्रज्ञानानंद 2023 में फिडे विश्व कप फाइनल में पहुंचने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी बने थे और विश्वनाथन आनंद के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे भारतीय बने। ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश 2023 में दिग्गज विश्वनाथन आनंद की 37 वर्षों की बादशाहत खत्म कर भारत के शीर्ष शतरंज खिलाड़ी बने थे। आनंद जुलाई, 1986 से भारत के नंबर एक खिलाड़ी रहे थे।
हालांकि जारी टूर्नामेंट में गुकेश अनीश गिरी के साथ अपना मुकाबला हार गए। टाटा स्टील मास्टर्स में तीसरे भारतीय खिलाड़ी विदित संतोष गुजराती को जॉर्डन वान फॉरेस्ट ने बराबरी पर रोका।