इस्लामाबाद, 2 अक्टूबर। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में अगले 48 घंटे में शक्तिशाली भूकंप आने की भविष्यवाणी की गई है, जिससे तुर्की जैसी तबाही मच सकती है। नीदरलैंड्स स्थित संगठन सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे (SSGEOS) ने यह भविष्यवाणी की है।
SSGEOS ने तुर्की के लिए भी भूकंप की भविष्यवाणी की थी। SSGEOS समुद्र की सतह के पास के वातावरण में विद्युत आवेश के उतार-चढ़ाव की निगरानी करने में माहिर है, जिसके बारे में संगठन का दावा है कि यह आमतौर पर उन क्षेत्रों का संकेत है, जहां एक से नौ दिनों के भीतर बड़ा भूंकप आ सकता है।
strong fluctuations – potential for strong to major seismic event pic.twitter.com/8OhAv363mp
— SSGEOS (@ssgeos) September 30, 2023
बलूचिस्तान में आएगा भूकंप
डच वैज्ञानिक फ्रैंक हूगरबीट्स ने कहा कि अगले 48 घंटों के भीतर पाकिस्तान में बड़ा भूकंप आने वाला है। उन्होंने कहा कि 1-3 अक्टूबर के बीच किसी भी समय पाकिस्तान में बड़े भूकंप आ सकता है। भूकंप बलूचिस्तान में आएगा क्योंकि क्षेत्र में फॉल्ट लाइनों के साथ विद्युत गतिविधि में बड़े पैमाने पर वृद्धि की खबरें हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत गतिविधि में वृद्धि से पता चलता है कि अगले 48 घंटों के भीतर क्षेत्र में भीषण भूकंप आएगा। पाकिस्तान एक संवेदनशील देश है, जहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
Planetary geometry is difficult to interpret with four conjunctions spread out over the next 10 days. As far as I can tell, 1-3 October will be more critical. https://t.co/Cao2VExGNB
— Frank Hoogerbeets (@hogrbe) September 29, 2023
हूगरबीट्स की भविष्यवाणी होती है सच
गौरतलब है कि फ्रैंक हूगरबीट्स दुनियाभर में आने वाले भूकंपों की भविष्यवाणी करने में बहुत सटीक रहे हैं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में तुर्की में विनाशकारी भूकंप की भविष्यवाणी की थी, जिसमें 47 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई। हूगरबीट्स ने सीरिया में भी भूकंप आने की भविष्यवाणी की थी, जो सच निकली। उन्होंने दिल्ली के लिए भी ऐसी ही भविष्यवाणी की थी।
पाकिस्तान मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने साधी चुप्पी
इस बीच भूकंप की भविष्यवाणी के बाद पाकिस्तान के लोगों में डर का माहौल है। हालांकि, पाकिस्तान मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (पीएमडी) ने वैज्ञानिक की भविष्यवाणी पर चुप्पी साधी हुई है। पीएमडी ने भूकंप की भविष्यवाणियों के लिए वैज्ञानिक आधार की कमी का हवाला देते हुए लगातार ऐसी भविष्यवाणियों को खारिज कर दिया है।