नई दिल्ली, 13 नवंबर। कोरोना महामारी के चलते लगभग डेढ़ वर्ष तक बंद रहे दिल्ली के स्कूल-कॉलेज एक बार फिर बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं। इसकी वजह प्रदूषण के चलते राष्ट्रीय राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीए) की लगादार बिगड़ती सेहत है।
15 नवंबर से प्रभावी होगा केजरीवाल सरकार का फैसला
फिलहाल दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के चलते बिगड़े हालात को देखते हुए अभी एक हफ्ते के लिए स्कूलों में अवकाश का घोषणा की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को एलान किया कि एक हफ्ते तक सभी स्कूल बंद रहेंगे। यह फैसला सोमवार यानी 15 नवंबर से प्रभावी होगा।
14-17 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन से जुड़ी गतिविधियों पर भी रोक
सीएम केजरीवाल ने साथ ही यह भी कहा है कि सरकारी कर्मचारी भी ‘वर्क फ्रॉम होम’ करेंगे। इसी क्रम में 14 नवंबर से 17 नवंबर के बीच दिल्ली में कंस्ट्रक्शन से जुड़ी गतिविधियों पर भी रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के हालात को लेकर आज आहूत बैठक में
स्कूलों में ऑनलाइन क्लास के संचालन की छूट
स्कूलों में अवकाश की घोषणा पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय बच्चों के हित में लिया गया। बच्चे प्रदूषित हवा में सांस ना लें, इसे देखते हुए स्कूलों में अवकाश का निर्णय लिया गया। उन्होंने साथ ही यह भी साफ किया कि इस अवधि में ऑनलाइन क्लास का संचालन किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद दिल्ली सरकार ने दिखाई सक्रियता
गौरतलब है कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज दिन में ही नाराजगी जताते हुए दिल्ली सरकार को दो दिनों को लिए लॉकडाउन लगाने की सलाह दी थी। इसके बाद केजरीवाल ने आपात बैठक बुलाई थी। इस बैठक में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और दिल्ली के मुख्य सचिव भी शामिल थे।
लॉकडाउन लगाने पर भी विचार कर रही दिल्ली सरकार
सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली में कंप्लीट लॉकडाउन को लेकर एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। लॉकडाउन एक बहुत बड़ा कदम है, इसे एक झटके में नहीं लिया जा सकता।’
दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारक और इसके समाधान सुझाएगा आईआईटी कानपुर
इस बीच दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने आईआईटी कानपुर के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के मुताबिक आईआईटी कानपुर, दिल्ली में वायु प्रदूषण के कारक और इसके समाधान को लेकर डीपीसीसी को सुझाव देगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस संबंध में कहा कि देश में दिल्ली पहला ऐसा राज्य है, जहां सरकार ने इस तरह तकनीकी पर आधारित समाधान की व्यवस्था लागू की है।