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सीएम केजरीवाल के बंगले को लेकर राजनीति तेज, एलजी ने दिए जांच के आदेश, 15 दिनों में मांगी पूरी रिपोर्ट

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नई दिल्ली, 29 अप्रैल। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के सौंदर्यीकरण को लेकर छिड़े विवाद में राजनीति तेज हो गई है और अब इसमें उप राज्यपाल वी.के. सक्सेना की भी एंट्री हो गई है।

दरअसल, एलजी सक्सेना ने सीएम केजरीवाल के आवास के रेनोवेशन के दौरान कथित अनियमितताओं को लेकर एक रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने मुख्य सचिव को रिकॉर्ड की जांच करने और पूरी रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर पेश करने का आदेश दिया है।

उप राज्यपाल के ऑफिस की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है, ‘दिल्ली एलजी ने मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लिया है, जिसमें मुख्यमंत्री आवास के नवीकरण के दौरान की गई कथित घोर अनियमितताओं पर और मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, मुख्य सचिव को मामले से संबंधित सभी रिकॉर्ड को तुरंत सुरक्षित करने और सुरक्षा में लेने का निर्देश दिया।’ इसके बाद इस तथ्यात्मक रिपोर्ट को 15 दिनों के भीतर पेश करने का निर्देश भी दिया गया है।

बंगले के सौंदर्यीकरण को लेकर भाजपा लगातार हमलावर

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच केजरीवाल के बंगला विवाद को लेकर राजनीतिक तेज हो गई है। भाजपा लगातार सीएम केजरीवाल के खिलाफ करोड़ों की रकम केवल बंगले में खर्च करने का आरोप लगा रही है। भाजपा का आरोप है कि सीएम के आवास में रेनोवेशन के लिए 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसमें करोड़ों के पर्दे, कालीन, टीवी और अन्य चीजें लगाई गई है, जो कि भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।

मीडिया खबरों में दावा किया गया है कि सीएम केजरीवाल के आवास को दोबारा से नया बनाने में कई करोड़ रुपये की लागत से पत्थर और मार्बल लगाए हैं। वहीं, आस-पास के करीब आठ घरों को खाली कराया गया है। सीएम आवास कॉम्प्लेक्स को 4.7 एकड़ से बढ़ाकर 7.2 एकड़ का किया गया है। इस आवास में 4-4 लाख के टॉयलेट लगाए गए हैं।

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