लखनऊ, 4 फरवरी। सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार को ट्विटर पर फिर से सियासी हलचल मचा दी है। उन्होंने ट्वीट किया कि कदम-कदम पर जातीय अपमान की पीड़ा से व्यथित होकर ही डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि ‘मैं हिन्दू धर्म में पैदा हुआ, यह मेरे बस में नहीं था, लेकिन मैं हिन्दू होकर नहीं मरूंगा, ये मेरे बस में है।’ फलस्वरूप सन 1956 में नागपुर दीक्षाभूमि पर 10 लाख लोगों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार किया।
तत्कालीन उपप्रधानमंत्री, बाबू जगजीवन राम द्वारा उद्घाटित संपूर्णानंद मूर्ति का गंगा जल से धोना, तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के रिक्तोपरांत मुख्यमंत्री आवास को गोमूत्र से धोना व राष्ट्रपति कोविंद जी को सीकर ब्रह्मामंदिर में प्रवेश न देना शूद्र होने का अपमान नहीं तो क्या?
— Swami Prasad Maurya (@SwamiPMaurya) February 4, 2023
इसी तरह उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा कि तत्कालीन उप प्रधानमंत्री, बाबू जगजीवन राम द्वारा उद्घाटित संपूर्णानंद मूर्ति का गंगा जल से धोना, तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के रिक्तोपरांत मुख्यमंत्री आवास को गोमूत्र से धोना व राष्ट्रपति कोविंद जी को सीकर ब्रह्मामंदिर में प्रवेश न देना शूद्र होने का अपमान नहीं तो क्या?
बता दें कि इससे पहले सपा नेता ने रामचरित मानस पर विवाद टिप्पणी कर इसे बकवास बताया था। स्वामी प्रसाद ने ये भी कहा था कि सरकार को इसका संज्ञान लेते हुए रामचरित मानस से आपत्तिजनक अंश को हटाना चाहिए। या फिर इस पर ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए। विवाद के बाद उन्होंने कहा था कि रामचरित मानस में कुछ जातियों, वर्गों और वर्णों को लेकर जो आहत करने वाले अंश हैं, उन्हें हटाया जाना चाहिए।