शिमला, 28 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मियां लगातार बढ़ती जा रही है। एक तरफ कांग्रेस की सरकार संकट में है तो वहीं उसे बचाने के लिए विधानसभा में नया गणित चल रहा है। इस क्रम में विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने पूर्व सीएम जयराम ठाकुर समेत भाजपा के 15 विधायकों को सत्र से निष्कासित कर दिया है। इस एक्शन के बाद सदन में किसी भी वोटिंग के लिए 10 विधायक ही मौजूद होंगे। ऐसा हुआ तो बजट बिना किसी रुकावट के ही पास हो जाएगा और सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो जाएगा।
विधायकों की नाराजगी रोकने के लिए सीएम सुक्खू ने की इस्तीफे की पेशकश!
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हिमाचल सरकार की योजना है कि सदन स्थगित होने से नाराज विधायकों को मनाने के लिए कुछ वक्त मिल जाएगा। सूत्रों का यह भी कहना है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधायकों की नाराजगी रोकने के लिए इस्तीफे की पेशकश तक कर दी है।
भाजपा के इन विधायकों का हुआ है निष्कासन
भाजपा के जिन विधायकों को निष्कासित किया गया है, उनमें जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंसराज, जनकराज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूरन ठाकुर, इंदर सिंह गांधी और दिलीप ठाकुर शामिल हैं।
सदन में हंगामा करने और नारेबाजी करने का आरोप
विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया का कहना है कि इन लोगों पर सदन में हंगामा करने और नारेबाजी करने के आरोप में एक्शन लिया गया है। वहीं भाजपा का कहना है कि यह अन्यायपूर्ण कार्रवाई है और स्पीकर ने कांग्रेस की सरकार को बचाने के लिए इस तरह का एक्शन लिया है।
इसके पूर्व आज सुबह ही जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात की थी। इस मीटिंग में उन्होंने कांग्रेस सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया था। माना जा रहा है कि सदन में फ्लोर टेस्ट होने या फिर बजट पास कराने के लिए वोटिंग की मांग होने पर कांग्रेस सरकार के अल्पमत में होने का खतरा था। ऐसी स्थिति से बचने के लिए स्पीकर ने भाजपा के 15 विधायकों को ही निष्कासित कर दिया है। अब यदि वोटिंग हुई तो भाजपा के विधायकों की सदन में संख्या 10 ही बची है क्योंकि उसके कुल 25 ही विधायक हैं।