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२०१९- चुनाव: दरबार नहीं, सरकार बने !

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- तुलसी टावरी 

दरबार नहीं, सरकार बने !

तुम राजकुंवर हम मूढ़ प्रजा, तुमको बस हुक्म जताना है;

जन्मे तुम राजघराने में, सीधे पीएम बन जाना है !

हम बैठ परीक्षा पास करें, जीवन जीने संग्राम करें;

मेहनत कर पेट भरें अपना, प्रतिभा से पूर्ण करें सपना;

हमको हर बार कमाना है, जन्मे तुम राजघराने में,

सीधे पीएम बन जाना है !

क्या हुआ नहीं तुम पढ़ पाये, क्या हुआ नहीं कुछ बन पाये

तुम जन्म लिये, अवतार हुआ, भारत पर फिर उपकार हुआ;

होना ही क्या कम बात तेरी, हम सेवक, शीश नवाना है,

जन्मे तुम राजघराने में,

सीधे पीएम बन जाना है !

सत्तर वर्षों की गाथा ये, अब भी ग़ुलाम सब बने हुए;

जो स्वाभिमान पे जीते हैं, पग पग गढ्ढों में धँसे हुए;

ऐसा सिस्टम निर्माण किया, प्रतिभा पर तुमने वार किया,

जो चाटुकारिता करते हैं, वो दरबारी ही बढ़ते हैं;

लूटो और बाँटों मंत्र यही, कायरता को ललचाना है,

जन्मे तुम राजघराने में,

सीधे पीएम बन जाना है !

इस बार मगर तुम धोखे में, दरबार नहीं लग पाना है;

युवा पीढ़ी ने ठान लिया, ये खेल नहीं दोहराना है;

कोई भी माँ से जन्मा हो, हर जाति धरम, बस सच्चा हो;

अब बिना रीढ़ के बंदों से, संसद को मुक्त कराना है;

जन्मे तुम राजघराने में,

दुर्लभ पीएम बन पाना है !

भारत में फिर से प्रतिभा का, खोया परचम लहराना है;

अब बिना रीढ़ के बंदों से,

संसद को मुक्त कराना है !

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