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PMLA कोर्ट ने झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को 5 दिनों की ईडी रिमांड पर भेजा

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रांची, 2 फरवरी। झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को पीएमएलए की विशेष अदालत ने शुक्रवार को पांच दिनों के लिए ईडी की रिमांड पर भेज दिया है। ईडी ने अदालत से 10 दिनों की रिमांड की मांग की थी। मामले की सुनवाई गुरुवार को ही हुई थी। बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। रिमांड के दौरान हेमंत सोरेन को परिवार और अपने अधिवक्ता से मिलने के लिए आध घंटा की छूट दी गई है।

पूछताछ कहां होगी, इस पर शनिवार का आएगा फैसला

दरअसल, हमंत सोरेन की रिमांड अवधि आज से शुरू होनी थी। कहा गया था कि इन पांच दिनों की रिमांड अवधि के दौरान वह ईडी हिरासत में रहेंगे, लेकिन अधिवक्ता ने पूर्व सीएम की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें ईडी कार्यालय की बजाए किसी सुरक्षित स्थान पर रखे जाने की दलील पेश की है। पूछताछ के बाद कहां रखा जाए, इस पर कोर्ट में बहस हुई। इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। तीन फरवरी को इस पर फैसला आएगा।

मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई है हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी

ज्ञातव्य है कि रांची के बड़गाई अंचल स्थित 8.46 एकड़ जमीन को लेकर हुए धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) केस में हेमंत सोरेन को गत 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने हेमंत सोरेन को गुरुवार को पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत में पेश किया था, जहां सुनवाई के बाद पूर्व सीएम को रिमांड पर फैसले के लिए दो फरवरी की तिथि निर्धारित की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट से भी हेमंत सोरेन को झटका

इस बीच पीएमएलए की विशेष अदालत के साथ शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में भी हेमंत सोरेन से जुड़ी मामले की सुनवाई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी सोरेन को झटका लगा है। दरअसल, हेमंत सोरेन ने ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने की काररवाई के खिलाफ पहले झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, फिर उन्होंने हाई कोर्ट से याचिका वापस ले ली और ईडी की कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करने से मना कर दिया। अदालत ने कहा कि आपको पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए था। सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन से पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं जाते? कोर्ट ने हेमंत सोरेन को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत झारखंड हाई कोर्ट जाने को कहा। अदालत ने कहा कि हेमंत सोरेन हाई कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने की मांग कर सकते हैं।

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