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प्रधानमंत्री शेख हसीना ने युद्धग्रस्त यूक्रेन से बांग्लादेशी छात्रों को सुरक्षित निकालने के लिए पीएम मोदी को शुक्रिया कहा

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ढाका, 4 सितम्बर। बांग्लादेश की  प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के दौरान यूक्रेन में फंसे बांग्लादेशी छात्रों की सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुक्रिया कहा है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश की विदेश नीति ‘सभी के लिए मित्रता, किसी से द्वेष नहीं’ के सिद्धात पर चलती है।

भारत यात्रा से पहले बोलीं – आपसी मतभेद सिर्फ बातचीत से हल किया जाना चाहिए

भारत की राजकीय यात्रा से पहले एक इंटरव्यू में पीएम शेख हसीना ने कहा कि सभी मुल्क लोगों के जीवन को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित करें क्योंकि सभी देशों का केवल एक ही दुश्मन है और वो है गरीबी। इंटरव्यू में बांग्लादेशी पीएम ने दोनों पड़ोसियों के बीच मजबूत सहयोग और समर्थन पर जोर देते हुए कहा, ‘हमारे बीच कभी मतभेद भी हो सकते हैं, लेकिन मतभेद को केवल बातचीत के माध्यम से हल करने पर जोर देना चाहिए।’ कम से कम भारत और बांग्लादेश के बीच मधुर रिश्तों के लिए यह विचार काफी अहम है।

‘दो मुश्किल वक्त में भारत से मिली मदद के लिए हम बेहद आभारी

पीएम शेख हसीना ने दो मुश्किल वक्त में भारत से मिली मदद की सराहना करते हुए कहा कि बांग्लादेश भारत का बेहद आभारी है कि उन्होंने बांग्लादेशी नागरिकों की मदद की। पहला मौका था, जब कोरोना के कारण बांग्लादेश के नागरिक बेहद परेशान थे और दूसरा मौका था जब बांग्लादेशी छात्र यूक्रेन-रूस युद्ध में फंस गये थे, भारत के सहयोग से उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित हो सकी।

शेख हसीना ने कहा, ‘मैं वास्तव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेहद आभारी हूं कि रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच फंसे हमारे कई छात्र को उस मुश्किल भरे माहौल से निकालने में मदद की। परेशानी के वक्त हमारी मदद करके वास्तव में उन्होंने बांग्लादेश के प्रति स्पष्ट दोस्ताना भाव को प्रगट किया है। मैं व्यक्तिगत तौर पर इस पहल के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देती हूं।’

रोहिंग्या संकट के हल में भारत से प्रभावी भूमिका निभाने की उम्मीद

वहीं रोहिंग्या शरणार्थियों पर बात करते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश चाहता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय यह सुनिश्चित करे कि रोहिंग्या अपनी मातृभूमि पर वापस पहुंच जाएं और जब वो वहां के लिए लौटें तो उनमें सुरक्षा की भावना हो। पीएम हसीना ने कहा कि बांग्लादेश को पूरी उम्मीद है कि रोहिंग्या संकट के हल में भारत अपनी प्रभावी भूमिका निभा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए यह एक बड़ा बोझ है, लेकिन भारत एक विशाल देश है। आप उन्हें आसानी से आश्रय दे सकते हैं, लेकिन हम आप की भी परेशानी को समझे हैं। इस समय हमारे यहां करीब 1.1 मिलियन रोहिंग्या शरण लिए हुए हैं। इसलिए हम लगातार रोहिंग्या की सुरक्षित वापसी के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और पड़ोसी मुल्कों के साथ परामर्श कर रहे हैं। हमें मिलकर इस परेशानी को हल करना है ताकि वे भी मुस्कुराते हुए अपने घर वापस जा सकें।’

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