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भारत दौरे पर आईं पीएम शेख हसीना बोलीं – बांग्लादेश का जन्म बांग्ला भाषा के आदोलन का नतीजा था

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नई दिल्ली, 5 सितम्बर। भारत के चार दिवसीय दौरे पर सोमवार की शाम नई दिल्ली पहुंचीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के साथ मैत्री संबंधों को मजबूत बनाते हुए कहा कि बांग्लादेश का जन्म बांग्ला भाषा के आदोलन का नतीजा था।

पाकिस्तान ने तो जबरन उर्दू को थोप दिया था

पीएम शेख हसीना ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘साल 1947 में जब हिन्दुस्तान दो भागों में बंटा और हमारी किस्मत को पाकिस्तान के हवाले कर दिया गया तो उसने सबसे अपनी वरिष्ठता साबित करने के लिए पूर्वी पाकिस्तान यानी आज के बांग्लादेश पर उर्दू को थोप दिया था। उर्दू हमारी जुबान नहीं थी, इस कारण पश्चिमी पाकिस्तान के खिलाफ पूर्वी पाकिस्तान में जो आंदोलन सबसे पहले शुरू हुआ, वो हमारी मातृभाषा बांग्ला के लिए था।’

बांग्लादेश एकमात्र ऐसा देश है, जिसकी बुनियाद में भाषा आंदोलन था

मातृभाषा बांग्ला के प्रति अपने प्यार का इजहार करते हुए शेख हसीना ने कहा, ‘बांग्ला आंदोलन इतने बड़े पैमाने पर शुरू हुआ कि उसके नतीजे हमें पांच दशक पहले पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश के तौर पर स्वतंत्र राष्ट्र मिला। वस्तुतः बांग्लादेश एकमात्र ऐसा देश है, जिसकी बुनियाद में भाषा आंदोलन था। दरअसल भाषा किसी भी देश और उसमें रहने वाले समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है।’

शेख हसीना ने किसी भी भाषा के परहेज से इनकार करते हुए कहा, ‘मैं अंग्रेजी में बोलती हूं, लेकिन ये हमारी भाषा नहीं है बल्कि ये अंग्रेजों द्वारा दी गई विदेशी भाषा है, जिसे मैंने स्वेच्छा से चुना है बात करने के लिए। लेकिन साल 1947 में जब पाकिस्तान बना तो हमारे पर मर्जी के खिलाफ उर्दू को थोप दिया गया। यहां सवाल उर्दी या अंग्रेजी का नहीं है, यहां प्रश्न है कि मैं खुद को किस भाषा में बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर पाती हूं। शायद बांग्ला के अलावा और कोई नहीं क्योंकि मैं उनमें अपने भाव को व्यक्त नहीं कर सकती हूं।’

बांग्ला हमारे लिए सिर्फ एक भाषा नहीं,बल्कि वह हमारी मातृभाषा

बांग्लादेशी पीएम ने कहा, ‘बांग्लादेश का जन्म ही बांग्ला भाषा के कारण हुआ। इसलिए वो हमारे लिए केवल एक भाषा नहीं है। वो हमारी मातृभाषा है और हर किसी को अपनी मातृभाषा के प्रति खास आकर्षण होता है क्योंकि उसी में हम अपने मन की बात कह पाते हैं।’

ममता से जब भी मुलाकात होती है, हम दोनों बांग्ला भाषा में खुलकर बात करते हैं

शेख हसीना ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अपने संबंधों का हवाला देते हुए कहा, ‘हम दोनों अलग-अलग देश के नागरिक हैं, लेकिन हम जब भी मिलते हैं, बांग्ला भाषा में खुलकर बात करते हैं क्योंकि हम दोनों की मातृभाषा एक ही है।’

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