इस्लामाबाद, 13 मार्च। पाकिस्तान के अशांत क्षेत्र बलूचिस्तान में बीते मंगलवार को हाईजैक की गई जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर जारी संशय के बीच पाक पीएम शहबाज शरीफ गुरुवार को बलूचिस्तान के दौरे पर पहुंचे. जहां उन्होंने कानून-व्यवस्था की समीक्षा की। शहबाज शरीफ के साथ उप प्रधानमंत्री इशाक डार, संघीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार, संघीय योजना एवं विकास मंत्री अहसान इकबाल, संघीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नवाबजादा मीर खालिद मगसी और अन्य लोग भी बलूचिस्तान पहुंचे।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी सेना ने बुधवार की रात दावा किया था कि उसने रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया है और सभी 346 बंधकों को रिहा कराने के साथ बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के सभी 33 विद्रोहियों को मार गिराया है। वहीं दूसरी ओर BLA का कहना है कि पाकिस्तान सशस्त्र बलों की मीडिया और जनसंपर्क शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) द्वारा किए गए दावे झूठे हैं और पाकिस्तान हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है।
‘कई मोर्चों पर चल रही है लड़ाई‘
पाकिस्तानी पीएम के बलूच दौर के बीच बलूच लिबरेशन आर्मी ने बयान जारी कर कहा, ‘ISPR द्वारा किए गए दावे झूठे है और पाक हार को छिपाने की नाकाम कोशिश कर रहा है। जमीनी हकीकत ये है कि कई मोर्चों पर लड़ाई जारी है और दुश्मन को भारी नुकसान और सैन्य क्षति हो रही है। पाक की सेना न तो युद्ध के मैदान में जीत हासिल कर पाई है और न ही अपने बंधक कर्मियों को बचाने में कामयाब हो पाई है।’
बीएलए ने दावा किया कि पाकिस्तानी राज्य और उसके प्रचार तंत्र ने जिन व्यक्तियों को बरामद करने का दावा किया है, उन्हें सच में बलूच लिबरेशन आर्मी ने ही अपने युद्ध नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के तहत रिहा किया था। इसके विपरीत पाकिस्तानी सेना अपने कर्मियों को बंधक बनाकर छोड़ कर प्रचार के जरिए से अपनी हार को छुपाती रहती है।
‘बलूच लोगों को निशाना बना रही पाक सेना‘
बीएलए ने यह भी दावा किया है कि फिलहाल युद्ध तेजी से जारी है और स्वतंत्रता सेनानी सभी मोर्चों पर पाकिस्तान को पीछे हटने के लिए मजूबर कर रहे हैं। जमीनी लड़ाई में विफल होने के बाद पराजित सेना ने निहत्थे नागरिकों पर हमला करके अपनी सैन्य लाचारी का बदला लेने के कोशिश में स्थानीय बलूच आबादी को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी राज्य को युद्धबंदियों के मुद्दे पर गंभीरता दिखाने और कैदियों की अदला-बदली की दिशा में कदम उठाने का मौका दिया था, लेकिन अपने सैनिकों की जान बचाने के बजाय, पाक सेना युद्ध पर अड़ी है। अब जबकि राज्य ने अपने बंधकों को मरने के लिए छोड़ दिया है तो उनकी मौत की जिम्मेदारी भी उसी की होगी। हमारा संघर्ष जीत तक जारी रहेगा।
BLA ने दावा किया कि यह लड़ाई अब पाकिस्तानी राज्य के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है। हर टकराव में दुश्मन की हार अपरिहार्य है और बीएलए इस युद्ध को अपनी शर्तों पर तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिए पूरी ताकत से लड़ रहा है।
‘इलाके के दौरे की अनुमति‘
बीएलए पाकिस्तान को जमीनी हकीकत स्वीकार करने की चुनौती देता है। यदि पाक सेना वाकई जीत का दावा करती है तो उसे स्वतंत्र पत्रकारों और निष्पक्ष स्रोतों को युद्धग्रस्त इलाकों में जाने की अनुमति देनी चाहिए ताकि दुनिया को पता चल सके कि पाकिस्तानी सेना को कितना नुकसान हुआ है।
पाक सेना ने किया था ये दावा
इसके पूर्व बुधवार रात ISPR के महानिदेशक अहमद शरीफ चौधरी की तरफ से कहा गया था कि सभी 346 बंधकों को बचा लिया गया है और 33 BLA विद्रोहियों को मार डाला गया है। बयान में कहा गया, ‘पाक सेना ने एयरफोर्स, फ्रंटियर कोर (एफसी) और स्पेशल सर्विस ग्रुप (एसएसजी) के साथ मिलकर बोलन में ट्रेन पर हमला करने वाले 33 आतंकवादियों को एक रेस्क्यू ऑपरेशन में मार गिराया है और सभी बंधकों को सुरक्षित बचा लिया गया है। हालांकि, इस हादसे में 21 यात्रियों और चार सैनिकों की मौत हो गई।’

