Site icon hindi.revoi.in

पीएम मोदी का 24 मार्च को वाराणसी दौरा : अपने संसदीय क्षेत्र को देंगे 1780 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात

Social Share

वाराणसी, 22 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर आएंगे। इस दौरान रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में वर्ल्ड टीबी समिट में भाग लेंगे और डॉ. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ग्राउंड पर 1,780 करोड़ से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे।

वाराणसी में लगभग 5 घंटे रहेंगे प्रधानमंत्री

भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेश चंद्र श्रीवास्तव ने बुधवार को बताया कि पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में लगभग पांच घंटे रहेंगे। इस दौरान वह सबसे पहले सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर पहुंचेंगे, जहां विश्व टीवी दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन करेंगे।

पीएम मोदी रुद्राक्ष से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय मैदान पहुंचेंगे, जहां आयोजित जनसभा के दौरान विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे। पीएम की जनसभा के लिए जर्मन हैंगर तकनीक से पंडाल तैयार किया जा रहा है, जिसमें करीब 20 हजार लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी।

644.49 करोड़ की लागत वाले अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे की नींव रखेंगे

प्रधानमंत्री के इस दौरे में महत्वाकांशी अर्बन ट्रांसपोर्ट रोपवे की नींव रखी जाएगी। कैंट रेलवे स्टेशन से गोदौलिया तक प्रस्तावित इस रोपवे को लेकर काशी की जनता में काफी उत्साह का माहौल है। 644.49 करोड़ की लागत से बनने वाले इस रोपवे से 3.8 किलोमीटर की दूरी मात्र 16 मिनट में पूरी की जा सकेगी।

भगवानपुर में 55 MLD शोधन क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा

पीएम मोदी अन्य जिन प्रमुख योजनाओं का शिलान्यास करेंगे, उनमें भगवानपुर एसटीपी शामिल है। सीवेज का पानी सीधे गंगा में न मिले, इसके लिए 308 करोड़ रुपये से नमामि गंगे द्वारा प्रस्तावित भगवानपुर STP बनाया जाएगा। वहीं, सामने घाट इलाके में गंगा के बाढ़ का पानी न प्रवेश करे, इसके लिए सवा दो करोड़ की लागत से फ्लिपर गेट बनाया जाएगा।

बीएचयू के पास भगवानपुर में 55 MLD शोधन क्षमता वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा। हालांकि, यहां पर पहले से ही STP है, लेकिन उसकी क्षमता बेहद कम 9.8 MLD थी। शहर में बाढ़ की सबसे बड़ी समस्या इसी घाट और भगवानपुर में होती है। बाढ़ का पानी सामने घाट के ज्ञानप्रवाह के पास से शहर में घुस जाता है। लेकिन फ्लिपर गेट होने के बाद पानी कॉलोनियों और सड़कों पर आने से रोका जा सकता है।

Exit mobile version