नई दिल्ली, 28 मार्च। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा है कि दूसरों को डराना-धमकाना और धौंस दिखाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है। इसी वजह से देश की 140 करोड़ की जनता उसे नकार चुकी है।
दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत अनेक वकीलों ने देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि एक निहित स्वार्थ वाला समूह ‘बेकार के तर्कों और घिसे-पिटे राजनीतिक एजेंडा’ के आधार पर न्यायपालिका पर दबाव डालने और अदालतों को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है।
पीएम मोदी ने इस पत्र की प्रति के साथ ‘एक्स’ पर की गयी एक पोस्ट को टैग करते हुए ने लिखा, ‘‘दूसरों को धमकाना और धौंस दिखाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है। पांच दशक पहले ही उसने एक ‘प्रतिबद्ध न्यायपालिका’ का आह्वान किया था। वे बेशर्मी से अपने स्वार्थी हितों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहते हैं, लेकिन राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से दूर रहते हैं।” उन्होंने दावा किया, ‘कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतीय उन्हें खारिज कर रहे हैं।’
To browbeat and bully others is vintage Congress culture.
5 decades ago itself they had called for a "committed judiciary" – they shamelessly want commitment from others for their selfish interests but desist from any commitment towards the nation.
No wonder 140 crore Indians… https://t.co/dgLjuYONHH
— Narendra Modi (@narendramodi) March 28, 2024
आधिकारिक सूत्रों द्वारा साझा किए गए पत्र में बिना नाम लिए वकीलों के एक वर्ग पर निशाना साधा गया है और आरोप लगाया गया है कि वे दिन में राजनेताओं का बचाव करते हैं और फिर रात में मीडिया के माध्यम से न्यायाधीशों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं।
पत्र में कहा गया है कि यह समूह अदालतों के कथित बेहतर अतीत और सुनहरे दौर की झूठी कहानियां बनाता है और इसकी तुलना वर्तमान में होने वाली घटनाओं से करता है। पत्र में दावा किया गया है कि उनकी टिप्पणियों का उद्देश्य अदालतों को प्रभावित करना और राजनीतिक लाभ के लिए उन्हें असहज करना है।