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पीएम मोदी की तमिलनाडु सरकार से अपील – ‘तमिल भाषा में कराएं मेडिकल कोर्स, गरीब बच्चे बनेंगे डॉक्टर’

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रामेश्वरम, 6 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रामेश्वरम में विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुखिया एमके स्टालिन से अपील की कि गरीब बच्चों की सुविधा को ध्यान में रख प्रदेश सरकार मेडिकल कोर्स तमिल भाषा में कराए।

रामेश्वरम में आयोजित समारोह के दौरान सीएम स्टालिन नहीं थे

उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने यहां 700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया और रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) की नई रेल सेवा को भी हरी झंडी दिखाई। दिलचस्प यह रहा कि इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि, राज्य के वित्त मंत्री थांगम थेनारसु और अन्य नेता मौजूद थे, लेकिन मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन अनुपस्थित थे।

स्टालिन नीलगिरि में आयोजित कार्यक्रमों में भाग ले रहे थे

दरअसल, सीएम स्टालिन राज्य के नीलगिरि जिले में आयोजित कार्यक्रमों में भाग ले रहे थे। स्टालिन ने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रामेश्वरम में होने वाले कार्यक्रम में अपनी अनुपस्थिति के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था। मैंने उनसे बता दिया था कि नीलगिरि में आयोजित पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के भाग लेने के कारण मैं स्वयं उपस्थित नहीं हो पाऊंगा, लेकिन इस दौरान हमारे मंत्री थंगम थेनारासु और राजकन्नप्पन आपका स्वागत करेंगे।’

जनऔषधि केंद्र खुलने से तमिलनाडु को 7 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई

फिलहाल पीएम मोदी ने तमिलनाडु सरकार से कहा, “तमिलनाडु में 1400 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र हैं। यहां 80 फीसदी डिस्काउंट पर दवाएं मिलती हैं। इससे भी तमिलनाडु के लोगों की सात हजार करोड़ रुपए की बचत हुई। देश के नौजवानों को डॉक्टर बनने के लिए विदेश जाने की मजबूरी नहीं रहेगी। इसके लिए बीते सालों में तमिलनाडु को 11 मेडिकल कॉलेज मिले हैं। अब गरीब से गरीब का बेटा-बेटी भी डॉक्टर बन सकते हैं। मैं तमिलनाडु सरकार से कहना चाहता हूं कि वे तमिल भाषा में मेडिकल कोर्स जारी करें, ताकि अंग्रेजी न जानने वाले गरीब परिवार के बेटे-बेटी भी डॉक्टर बन सकें।”

हजारों साल पुराने शहर को 21वीं सदी के इंजीनियरिंग चमत्कार से जोड़ा जा रहा

इससे पहले पीएम मोदी ने कहा, ‘हजारों साल पुराने शहर को 21वीं सदी के इंजीनियरिंग चमत्कार से जोड़ा जा रहा है। मैं  अपने इंजीनियरों और श्रमिकों को उनकी कड़ी मेहनत के लिए धन्यवाद देता हूं। यह पुल भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्री पुल है। इसके नीचे से बड़े जहाज गुजर सकेंगे। इस पर ट्रेनें भी तेजी से चल सकेंगी। नई ट्रेन सेवा से रामेश्वरम से चेन्नई और देश के अन्य हिस्सों तक कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इससे तमिलनाडु में व्यापार और पर्यटन दोनों को लाभ होगा। युवाओं के लिए नई नौकरियां और अवसर भी पैदा होंगे। बीते 10 वर्षों में, भारत ने अपनी इकोनॉमी का साइज दोगुना किया है। इतनी तेज ग्रोथ का एक बड़ा कारण हमारा शानदार मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। बीते 10 वर्षों में हमने रेल, रोड, एयरपोर्ट, पानी, पोर्ट, बिजली, गैस पाइपलाइन, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट करीब 6 गुना बढ़ाया है।’

आज पूरे देश में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य चल रहे हैं

उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में बड़े निर्माण कार्य चल रहे हैं। उत्तर में, जम्मू और कश्मीर में, दुनिया के सबसे ऊंचे रेल पुलों में से एक, चेनाब ब्रिज का निर्माण पूरा हो चुका है। पश्चिम में, मुंबई में, भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल, अटल सेतु का निर्माण किया गया है। पूर्व में, असम में, आप बोगीबील ब्रिज देख सकते हैं और दक्षिण में, दुनिया के कुछ वर्टिकल लिफ्ट ब्रिजों में से एक, पंबन ब्रिज का निर्माण किया गया है। आज देश में बहुत तेजी से मेगा परियोजनाओं पर काम हो रहा है। तमिलनाडु विकसित भारत की ओर बढ़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस वर्ष तमिलनाडु का रेल बजट 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘मेरा मानना है कि तमिलनाडु की क्षमता का एहसास होने पर देश का समग्र विकास बेहतर होगा। साल 2014 से पहले रेल प्रोजेक्ट के लिए हर साल सिर्फ 900 करोड़ रुपये ही मिलते थे। इस वर्ष तमिलनाडु का रेल बजट 6,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है और भारत सरकार यहां के 77 रेलवे स्टेशनों को मॉडर्न भी बना रही है। इसमें रामेश्वरम का रेलवे स्टेशन भी शामिल है। विकसित भारत के सफर में तमिलनाडु का बहुत बड़ा रोल है। मैं मानता हूं, तमिलनाडु का सामर्थ्य जितना ज्यादा बढ़ेगा, भारत की ग्रोथ उतनी तेज होगी।

तमिलनाडु के विकास के लिए केंद्र से 2014 की तुलना में तीन गुना ज्यादा पैसा

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रदेश सरकार को पहुंचाई जा रही मदद का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बीते दशक में तमिलनाडु के विकास के लिए 2014 की तुलना में तीन गुना ज्यादा पैसा केंद्र सरकार की ओर से दिया गया है। तमिलनाडु का बुनियादी ढांचा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पिछले एक दशक में राज्य का रेल बजट सात गुना से भी ज्यादा बढ़ गया है। इस महत्वपूर्ण वृद्धि के बावजूद, कुछ लोग बिना किसी औचित्य के शिकायत करना जारी रखते हैं। 2014 से पहले हर साल सिर्फ 900 करोड़ रुपये आवंटित किए जाते थे। हालांकि, इस साल तमिलनाडु का रेल बजट 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। इसके अलावा, भारत सरकार 77 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण कर रही है, जिसमें रामेश्वरम का स्टेशन भी शामिल है।

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