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पीएम मोदी SCO समिट के लिए चीन जाएंगे, गलवान झड़प के बाद पहली बार करेंगे पड़ोसी देश की यात्रा

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नई दिल्ली, 6 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इसी माह 31 अगस्त को दो दिवसीय चीन दौरे पर जाएंगे। 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पीएम मोदी पहली बार चीन का दौरा करेंगे। उसके पहले प्रधानमंत्री मोदी 30 अगस्त को जापान जाएंगे।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त से एक सितम्बर तक शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन का दौरा करेंगे। यह 2019 के बाद से पीएम मोदी की पहली चीन यात्रा भी होगी। SCE बैठक में भाग लेने से पहले प्रधानमंत्री मोदी 30 अगस्त को जापान की यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान वह जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ वार्षिक भारत-जापान शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। वहां से पीएम मोदी चीन जाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी की यह चीन यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों पर रूस से तेल खरीदने के लिए निशाना साधा है। अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा है कि Brics समूह डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देता है।

राजनाथ व जयशंकर इसी वर्ष चीन दौरा कर चुके हैं

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस वर्ष की शुरुआत में आयोजित एससीओ बैठकों में भाग लिया था। जयशंकर ने बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की थी। उन्हें भारत-चीन संबंधों में हालिया घटनाक्रमों से अवगत कराया था। साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में निरंतर नेतृत्व मार्गदर्शन के महत्व पर जोर दिया था।

मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद भारत और चीन के बीच संबंध बेहद खराब हो गए थे। इस झड़प में 20 भारतीय जवानों की जान चली गई थी जबकि चीनी पक्ष के भी कई सैनिकों की मौत हुई थी। इस झटप के बाद पीएम मोदी पहली बार चीन जा रहे हैं।

चार वर्षों से अधिक समय तक तनावपूर्ण संबंधों के बाद पीएम मोदी ने 23 अक्टूबर, 2024 को कजान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इससे दो एशियाई दिग्गजों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में नई जान फूंकने का संकेत मिला था।

दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में 2020 में उत्पन्न हुए मुद्दों के पूर्ण समाधान और सैनिकों की वापसी के समझौते का स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने मतभेदों और विवादों को उचित ढंग से संभालने और उन्हें शांति भंग न करने देने के महत्व पर जोर दिया। वर्ष 2018 के बाद पीएम मोदी का यह पहला चीन दौरा होगा।

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