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पीएम मोदी कल करेंगे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्घाटन, 180 किलोमीटर की दूरी घटेगी, 12 घंटे में पूरा होगा सफर

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नई दिल्ली, 11 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को बहुप्रतीक्षित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। 1,386 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे दिल्ली और मुंबई को जोड़ेगा और यह लगभग 12 घंटे में यह दूरी तय की जा सकेगी।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद इन दोनों महानगरों के अलावा कई अन्य शहरों के बीच की दूरी घट जाएगी। मसलन, दिल्ली और जयपुर के बीच यात्रा का समय घटकर दो घंटे हो जाएगा। ऐसा सोहना-दौसा एक्सप्रेसवे के जरिए होगा, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी रविवार को ही करेंगे।

8 लेन का दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 5 राज्यों से होकर गुजरेगा

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की विशेषताओं पर गौर करें तो यह आठ लेन का हाईवे होगा, जिसे भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इसकी खास बात यह है कि ये एक्सेस कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है।

यह एक्सप्रेसवे देश के पांच राज्यों – दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा। इसे बनाने के लिए सभी राज्यों को मिलाकर कुल 15000 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया है।

94 जगहों पर वे साइड सुविधाएं, 40 से ज्यादा प्रमुख इंटरचेंज

एक्सप्रेसवे पर यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए रास्ते के किनारे 94 जगहों पर वे साइड सुविधाएं होंगी। एक्सप्रेसवे पर 40 से ज्यादा प्रमुख इंटरचेंज होंगे, जो कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल, वडोदरा और सूरत से कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगे। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना के सोहना-दौसा तक मंगलवार से यातायात के लिए खोले जाने की संभावना है।

दिल्ली और मुंबई की दूरी 180 किमी घट जाएगी

इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी लगभग 180 किलोमीटर घट जाएगी। पहले यह दूरी 1,424 किलोमीटर थी, जो एक्सप्रेसवे बन जाने से 1,242 किलोमीटर रह जाएगी।

वर्ष 2018 में परियोजना का प्रारंभिक बजट ₹98,000 करोड़ था। एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 12 लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया जाना है, जो 50 हावड़ा ब्रिज के बराबर है। इस परियोजना से 10 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होने की उम्मीद जताई जा रही है।

अत्याधुनिक स्वचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली से लैस होगा एक्सप्रेसवे

इस  एक्सप्रेसवे पर अत्याधुनिक स्वचालित यातायात प्रबंधन प्रणाली ( automated traffic management system) होगी। परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने ट्वीट कर जानकारी दी कि एक्सप्रेसवे जानवरों के ओवरपास, अंडरपास को समायोजित करने वाला यह भारत और एशिया का पहला एक्सप्रेसवे है। रणथंभौर वन्यजीव अभयारण्य में प्रभाव को कम करने के लिए इसे उसी तरह से डिजाइन किया गया है।