नई दिल्ली, 30 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो मई को तीन देशों – जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे। इस यात्रा के दौरान तीन देशों में लगभग 65 घंटे के ठहराव के बीच वह 25 कार्यक्रमों में शामिल होंगे और सात देशों के आठ शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। सरकारी सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
इस वर्ष पीएम मोदी की यह पहली विदेश यात्रा
पीएम मोदी की इस वर्ष की यह पहली विदेश यात्रा है। पीएमओ की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पीएम मोदी सात देशों के आठ नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें करेंगे। इसके अलावा वह 50 वैश्विक व्यवसायियों से भी बातचीत करेंगे।
जर्मनी, डेनमार्क व और फ्रांस के राष्ट्राध्यक्षओं से होगी मुलाकात
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री पहले जर्मनी जाएंगे, उसके बाद डेनमार्क और फिर चार मई को वापसी में कुछ समय के लिए पेरिस में रुकेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री जर्मनी और डेनमार्क में एक-एक रात बिताएंगे।
बताया गया है कि पीएम मोदी जर्मनी में चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इसके अलावा वह भारत-जर्मनी के बीच छठी अंतर्सरकारी बैठक में भी हिस्सा लेंगे। जर्मनी के बाद पीएम मोदी डेनमार्क के प्रधानमंत्री मैट फ्रेडरिक्सन के न्योते पर कोपेनहेगन जाएंगे, जहां वह दूसरे इंडिया-नॉर्डिक समिट में हिस्सा लेंगे।
चार मई को भारत लौटने से पहले प्रधानमंत्री फ्रांस में दूसरी बार चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बने इमैनुएल मैक्रों से मिलेंगे। मैक्रों की चुनावी जीत के बाद पीएम मोदी उनसे मुलाकात करने वाले पहले नेताओं में होंगे।
रूस-यूक्रेन संकट हल करने पर भी कर सकते हैं चर्चा
पीएम मोदी का यह यूरोप दौरा इस लिहाज से भी अहम माना जा रहा है कि यूरोप लगातार भारत से रूस पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कहता रहा है। इसके अलावा रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव कह चुके हैं कि अगर रूस-यूक्रेन युद्ध को रुकवाने में भारत मध्यस्थता करता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। ऐसे में पीएम इन तीनों देशों से संकट को हल करने पर भी चर्चा कर सकते हैं।