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भूटान से स्वदेश लौटते ही एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे पीएम मोदी, दिल्ली ब्लास्ट के घायलों से की मुलाकात

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नई दिल्ली, 12 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को भूटान से स्वदेश वापसी के तुरंत बाद एलएनजेपी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने  दिल्ली ब्लास्ट के इलाजरत घायलों से मुलाकात की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। इस दौरान अधिकारियों और अस्पताल के डॉक्टरों ने भी प्रधानमंत्री को स्थिति की जानकारी दी।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘दिल्ली में हुए बम विस्फोट में घायल हुए लोगों से मिलने एलएनजेपी अस्पताल गया। सभी के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।’ उन्होंने यह भी कहा कि साजिश रचने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि दो दिवसीय भूटान दौरे के बीच ही प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले के पास हुए ब्लास्ट मामले में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी काररवाई की बात कही थी। उन्होंने सख्त संदेश देते हुए कहा था कि इस ब्लास्ट में संलिप्त आरोपितों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान में कहा था, ‘आज मैं बहुत ही भारी मन से यहां आया हूं। मैं प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा हूं। इस दुख की इस घड़ी में पूरा देश उनके साथ खड़ा है। इस ब्लास्ट को अंजाम देने वाले किसी भी साजिशकर्ता को बख्शा नहीं जाएगा, जो इसके जिम्मेदार हैं, उन्हें जरूर सख्त सजा मिलेगी।’

एनआईए को सौंपी जा चुकी है जांच की जिम्मेदारी

गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बीते सोमवार की शाम लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेन नम्बर-1 पास ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट की जद में आकर कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे। घायलों को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच का जिम्मा राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया है। इससे पहले, इस ब्लास्ट की जांच के लिए एक टीम भी गठित की गई थी, जिसमें 500 से ज्यादा अधिकारी और जवान शामिल किए गए थे।

ब्लास्ट से पहले फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री की गई थी बरामद

दिल्ली ब्लास्ट से पहले जांच एजेंसियों ने हरियाणा के फरीदाबाद में एक डॉक्टर के फ्लैट से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की थी। फरीदाबाद के इस टेरर मॉड्यूल में संलिप्त दो डॉक्टरों को भी गिरफ्तार किया गया, जो अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हुए हैं। वहीं, इन दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद अल फलाह यूनिवर्सिटी की तरफ से आधिकारिक बयान जारी कर कहा गया है कि उनका इससे कोई लेना देना नहीं है।

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