नई दिल्ली, 23 जनवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनना उनके जीवन के ‘सबसे अविस्मरणीय’ क्षणों में था और वह वहां से एक अयोध्या अपने मन में भी लेकर लौटे हैं, जो कभी उनसे दूर नहीं हो सकती। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे दो पन्नों के एक पत्र में अपने उद्गार व्यक्त किए हैं।
What we saw in Ayodhya yesterday, 22nd January, will be etched in our memories for years to come. pic.twitter.com/8SXnFGnyWg
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024
राष्ट्रपति मुर्मू को लिखे पत्र की प्रति ‘एक्स’ पर साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘दो दिन पूर्व मुझे आदरणीय राष्ट्रपति जी का एक बहुत ही प्रेरणादायी पत्र मिला था। मैंने आज अपनी कृतज्ञता पत्र के माध्यम से प्रकट करने का प्रयास किया है।’
राष्ट्रपति को उनकी शुभकामनाओं और स्नेह के लिए जताया आभार जताया
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति मुर्मू ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले रविवार को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देशभर में जश्न का माहौल भारत की शाश्वत आत्मा की एक निर्बाध अभिव्यक्ति और देश के पुनरुत्थान में एक नए चक्र की शुरुआत है।
इसके जवाब में पीएम मोदी ने लिखा, ‘अयोध्या धाम में अपने जीवन के सबसे अविस्मरणीय क्षणों का साक्षी बनकर लौटने के बाद मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं। मैं एक अयोध्या अपने मन में भी लेकर लौटा हूं। एक ऐसी अयोध्या, जो कभी मुझसे दूर नहीं हो सकती।’
दो दिन पूर्व मुझे आदरणीया राष्ट्रपति जी का एक बहुत ही प्रेरणादायी पत्र मिला था। मैंने आज अपनी कृतज्ञता पत्र के माध्यम से प्रकट करने का प्रयास किया है। pic.twitter.com/mVJJMgnM8C
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को उनकी शुभकामनाओं और स्नेह के लिए आभार जताया तथा कहा कि उन्होंने पत्र के हर शब्द में अपने करुणामयी स्वभाव और प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन पर असीम प्रसन्नता को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जिस समय उन्हें यह पत्र मिला था उस वक्त वह एक अलग ही ‘भाव यात्रा’ में थे और इस पत्र ने उन्हें उनके मन की भावनाओं को संभालने और उनमें सामंजस्य बैठाने में अपार सहयोग और संबल दिया।
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैंने एक तीर्थयात्री के रूप में अयोध्या धाम की यात्रा की। जिस पवित्र भूमि पर आस्था और इतिहास का ऐसा संगम हुआ हो, वहां जाकर मेरा मन अनेक भावनाओं से विह्वल हो गया। ऐसे ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनना मेरे लिए एक सौभाग्य भी है और एक दायित्व भी है।’
‘सदियों तक चले व्रतों की पूर्णाहुति का संवाहक बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात‘
राष्ट्रपति मुर्मू द्वारा लिखे गए पत्र में प्रधानमंत्री के 11 दिन के व्रत अनुष्ठान और इससे जुड़े यम-नियमों के उल्लेख पर पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारा देश ऐसे अनगिनत लोगों का साक्षी रहा है, जिन्होंने शताब्दियों तक अनेक संकल्प व्रत किए, जिससे कि रामलला पुनः अपने जन्मस्थान पर विराज सकें। सदियों तक चले इन व्रतों की पूर्णाहुति का संवाहक बनना मेरे लिए बहुत भावुक क्षण था और इसे मैं अपना सौभाग्य मानता हूं।’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अयोध्या धाम में श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री श्री @narendramodi को पत्र भेजा। pic.twitter.com/pBrcLIbASa
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 21, 2024
प्रधानमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि 140 करोड़ देशवासियों के साथ रामलला के साक्षात दर्शन, उनके रूप से साक्षात्कार और उनके स्वागत का वह क्षण अप्रतिम था। उन्होंने कहा, ‘वह क्षण प्रभु श्रीराम और भारत के लोगों के आशीर्वाद से ही संभव हुआ और इसके लिए मैं कृतज्ञ रहूंगा।’
‘गरीब कल्याण अभियानों के लिए प्रभु श्रीराम के विचार हमें निरंतर ऊर्जा देते हैं‘
राष्ट्रपति द्वारा लिखे गए पत्र में पीएम-जनमन और जनजातीय समाज में अति पिछड़ों के सशक्तीकरण का उल्लेख किए जाने पर पीएम मोदी ने कहा कि इसके जैसे कई अभियान आज देशवासियों के जीवन में बड़ा बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘गरीब कल्याण के इन कार्यों के लिए, गरीबों के सशक्तीकरण के इन अभियानों के लिए प्रभु श्रीराम के विचार हमें निरंतर ऊर्जा देते हैं।’
केंद्र सरकार के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के आह्वान को भगवान राम की प्रेरणा बताते हुए मोदी ने कहा कि इस मंत्र का आज सर्वत्र परिणाम दिख रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में देश करीब 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकलने में सफल हुआ है।
‘प्रभु श्रीराम के शाश्वत विचार भारत के गौरवशाली भविष्य का आधार हैं‘
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रभु श्रीराम के शाश्वत विचार भारत के गौरवशाली भविष्य का आधार हैं और इन विचारों की शक्ति ही सभी देशवासियों के लिए वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने कहा, ‘श्रीराम का भव्य मंदिर हमें सफलता और विकास के नव प्रतिमान गढ़ने की प्रेरणा देता रहेगा। देश इसी तरह आपके मार्गदर्शन के साथ प्रगति और कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ता रहेगा।’