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कानून मंत्रियों की बैठक में बोले पीएम मोदी – न्याय मिलने में देरी बड़ी चुनौती, विचाराधीन कैदियों के बारे में सहानुभूतिपूर्वक सोचें

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वर्चुअली संबोधित करते हुए अप्रचलित कानूनों और त्वरित परीक्षणों को दूर करने के लिए कानूनी प्रणाली के निरंतर सुधार पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि कानूनी व्यवस्था को मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए और विचाराधीन कैदियों के बारे में सहानुभूतिपूर्वक सोचना चाहिए।

अनावश्यक कानूनों को हटाने के लिए सरकार ने पिछले 8 वर्षों में अथक प्रयास किया

पीएम मोदी ने कहा कि अनावश्यक कानूनों को हटाने के लिए सरकार ने पिछले आठ वर्षों में अथक प्रयास किया। उन्होंने कहा कि देश ने डेढ़ हजार से ज्यादा पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को रद्द कर दिया है। इनमें से अनेक कानून तो गुलामी के समय से चले आ रहे थे। देश के लोगों को सरकार का अभाव भी नहीं लगना चाहिए और देश के लोगों को सरकार का दबाव भी महसूस नहीं होना चाहिए।

PM Modi addresses inaugural session of All India Conference of Law Ministers and Secretaries

स्वस्थ्य समाज के लिए मजबूत न्यायपालिका का होना जरूरी

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्वस्थ्य समाज के लिए मजबूत न्यायपालिका का होना जरूरी है। ऐसे में जरूरी है कि कानून बनाते हुए हमारा फोकस गरीब से गरीब भी नए बनने वाले कानून को अच्छी तरह समझ पाएं, इसपर होना चाहिए। हमारे समाज की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि वो प्रगति के पथ पर बढ़ते हुए खुद में आंतरिक सुधार भी करता चलता है। हमारा समाज अप्रासंगिक हो चुके कायदे-कानूनों, गलत रिवाजों को हटाता भी चलता है।’

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी से पहले के कई अनावश्यक कानून लागू थे और अब भी कई राज्यों में हैं। उन्होंने राज्यों से इन कानूनों की समीक्षा करने और लोगों के जीवन को आसान बनाने और आसानी से न्याय मिलने को सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘न्याय में देरी देश के सामने बड़ी चुनौतियों में से एक है और इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जा रहा है।’

आमजन की सहूलियत के लिए कानून बनाते समय सरल भाषा पर ध्यान होना चाहिए

उन्होंने स्थानीय भाषा के महत्व को जोड़ते हुए कहा, ‘कानून बनाते समय, ध्यान सरल भाषा पर होना चाहिए ताकि लोग कानूनों को समझ सकें। कुछ देशों में यह प्रावधान भी है कि जब कोई कानून बन रहा है तो यह भी तय होता है कि कानून कब तक लागू रहेगा। हमें उस दिशा में भी काम करना चाहिए।’

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