नई दिल्ली, 18 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित 10 राज्यों के जिलाधिकारियों से मंगलवार को बातचीत की और उन्हें पूरी छूट देते हुए निर्देश दिया कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए जो बन पड़े, वे करें। ऐसा करने के लिए उन्हें पूरी छूट है।
पीएम मोदी ने इस वर्चुअल मीटिंग में जिलाधिकारियों से कोविड-19 नियंत्रण को लेकर उनके अनुभव जाने। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को रोकने पर जोर देते हुए कुछ टिप्स भी साझा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने जिलों में कोरोना पर नियंत्रण करें, देश में इस महामारी पर स्वतः नियंत्रण हो जाएगा।
- जिलाधिकारियों को दिया फील्ड कमांडर का दर्जा
प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को ‘फील्ड कमांडर’ करार देते हुए कहा कि आप सब भारत की इस लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं। इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी शिरकत की।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों में कोविड संक्रमण को कम करने के लिए जो करना पड़े, वो कदम उठाएं। उन्होंने कहा, ‘मेरी तरफ से आपको पूरी छूट है। अगर आपके पास कोई ऐसा सुझाव है, जो पूरे देश के काम आ सकता है तो मुझे जरूर बताएं, बिना हिचक के।’
जिलाधिकारियों से पीएम ने कहा, “कोविड के अलावा आपको अपने जिले के हर एक नागरिक की ‘ईज ऑफ लिविंग’ का भी ध्यान रखना है। हमें संक्रमण को भी रोकना है और दैनिक जीवन से जुड़ी जरूरी सप्लाई को भी बेरोकटोक चलाना है। हमारे देश में जितने जिले हैं, उतनी ही अलग-अलग चुनौतियां हैं। एक तरह से हर जिले के अपने अलग चैलेंजेज हैं। आप अपने जिले की चुनौतियों को बहुत बेहतर तरीके से समझते हैं। इसलिए जब आपका जिला जीतता है, तो देश जीतता है। जब आपका जिला कोरोना को हराता है, तो देश कोरोना को हराता है।’
प्रधानमंत्री के साथ बैठक में दिल्ली, बिहार, असम, कर्नाटक, चंडीगढ़, उत्तराखंड, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व गोवा के जिलाधिकारी शामिल थे।
- संक्रमण के कम होते आंकड़ों के बीच ज्यादा सतर्कता जरूरी
पीएम मोदी ने कहा कि कम होते आंकड़े देख लापरवाही न करें। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में ध्यान बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा, ‘इस समय कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के आंकड़े कम हो रहे हैं तो कई राज्यों में बढ़ रहे हैं। कम होते आंकड़ों के बीच हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। बीते एक साल में करीब-करीब हर मीटिंग में मेरा यही आग्रह रहा है कि हमारी लड़ाई एक-एक जीवन बचाने की है। टेस्टिंग, ट्रैकिंग, ट्रीटमेंट और कोविड अप्रोप्रियेट बिहैवियर, इस पर लगातार बल देते रहना जरूरी है। कोरोना की इस दूसरी वेव में, अभी ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में हमें बहुत ध्यान देना है।’
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, अधिकारियों ने कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई से जुड़े सुझाव दिए, खासतौर से अर्द्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में वायरस को रोकने पर फोकस रहा। पीएमओ ने कहा कि फील्ड स्तर के अधिकारियों ने कई राज्यों और जिलों में बेहतरीन नेतृत्व दिखाया है। कई अधिकारियों ने लीक से हटकर नए तरीके अपनाए और संक्रमण को रोका। इन पहलों को सम्मान दिया जाना जरूरी है, इससे एक प्रभावी रेस्पांस प्लान तैयार हो सकेगा।