नई दिल्ली, 11 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 15-16 सितम्बर को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए उज्बेकिस्तान जाएंगे। इस शिखर सम्मेलन में एससीओ सदस्य देशों के नेता, पर्यवेक्षक देशों, एससीओ के महासचिव, एससीओ क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी संरचना (आरएटीएस) के कार्यकारी निदेशक, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति और अन्य आमंत्रित अतिथि शामिल होंगे।
समरकंद में होगी एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक
विदेश मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी एक बयान के अनुसार उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर पीएम मोदी एससीओ के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में भाग लेने के लिए समरकंद की यात्रा करेंगे। शिखर सम्मेलन के दौरान, नेताओं के पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करने और राज्य और भविष्य में बहुपक्षीय सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा करने की उम्मीद है।
2019 के बाद पहली बार एससीओ समिट में नेताओं की भौतिक उपस्थिति रहेगी
बयान में कहा गया है कि बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। वर्ष 2019 के बाद से यह एससीओ का पहला शिखर सम्मेलन होगा, जिसमें नेताओं की भौतिक उपस्थिति रहेगी। जून 2019 में एससीओ सम्मेलन किर्गिस्तान के बिश्केक में आयोजित हुआ था। वर्ष 2020 में मास्को शिखर सम्मेलन कोविड-19
एससीओ का मुख्यालय बीजिंग में है और इसमें चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उजबेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान शामिल हैं। बीजिंग में राजनयिक सूत्रों ने पहले कहा था कि मेजबान उज्बेकिस्तान ने सभी नेताओं की अनौपचारिक रूप से उपस्थिति की पुष्टि की है।
समिट से इतर चीनी, रूसी व पाकिस्तानी नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों की भी उम्मीद
मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के शिखर सम्मेलन से इतर कुछ द्विपक्षीय बैठकें करने की भी संभावना है। इसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के शामिल होने की उम्मीद है। हालांकि इस संबंध में आधिकारिक बयान नहीं है कि मोदी उस दौरान शी जिनपिंग या शरीफ के साथ बैठक करेंगे या नहीं।