नई दिल्ली, 13 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंडोनेशिया के बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में स्वास्थ्य, महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के उबरने और ऊर्जा एवं खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत के दृष्टिकोण को सामने रखने की उम्मीद है।
पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को इंडोनेशियाई शहर बाली के लिए रवाना होंगे, जहां यूक्रेन संघर्ष और इसके प्रभावों सहित वैश्विक चुनौतियों पर व्यापक विचार-विमर्श होने की उम्मीद है।
बाली में 15 और 16 नवंबर को होने वाला दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का यह शिखर सम्मेलन नई दिल्ली के लिए काफी अहम है, क्योंकि इस वार्षिक सम्मेलन के समापन समारोह में इंडोनेशिया जी-20 की अध्यक्षता भारत को सौंपेगा।
पीएम मोदी और अन्य नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण और डिजिटल परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक तय नहीं
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिखर सम्मेलन से इतर मोदी कई नेताओं के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठक करेंगे, लेकिन शी जिनपिंग के साथ बैठक होगी या नहीं, इस सवाल का उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘अन्य नेताओं के साथ ये द्विपक्षीय बैठकें अभी निर्धारित होने की प्रक्रिया में हैं।’ दोनों नेताओं ने सितम्बर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, लेकिन उनके बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई थी।
सम्मेलन के 3 प्रमुख सत्र – खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल परिवर्तन और स्वास्थ्य
क्वात्रा ने कहा कि पीएम मोदी बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के तीन प्रमुख सत्रों – खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, डिजिटल परिवर्तन और स्वास्थ्य में भाग लेंगे। इस क्रम में प्रधानमंत्री और अन्य नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘जी20 के नेता दुनिया के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा करेंगे और इनसे निबटने में मदद के वास्ते बहुपक्षीय सहयोग के महत्व को रेखांकित करेंगे।’
विदेश सचिव ने कहा कि शिखर सम्मेलन भारत के लिए बहुत अहम है, क्योंकि यह एक साल के लिए एक दिसम्बर से समूह की अध्यक्षता करेगा। क्वात्रा ने कहा, ‘अगले अध्यक्ष के रूप में भारत वैश्विक दक्षिण के हितों के मुद्दों को एक बड़ी आवाज प्रदान करने का प्रयास करेगा और संतुलित तरीके से जी-20 एजेंडा को आगे बढ़ाएगा।’
भारत एक दिसम्बर से औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा
इंडोनेशिया जी-20 का वर्तमान अध्यक्ष है। भारत एक दिसम्बर से औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। जी-20 या 20 देशों का समूह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है। समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।
भारत वर्तमान में जी-20 ट्रोइका का हिस्सा है
जी-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है, जो वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। भारत वर्तमान में जी-20 ट्रोइका (जी-20 की वर्तमान, पिछली और आगामी अध्यक्षता) का हिस्सा है, जिसमें इंडोनेशिया, इटली और भारत शामिल हैं।