नई दिल्ली, 10 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वीं लोकसभा में आखिरी संसद सत्र के अंतिम दिन शनिवार को कांग्रेस का नाम लिए बिना उसपर खूब तंज कसा और कहा कि चुनाव बहुत दूर नहीं है, कुछ लोगों को जरूर घबराहट होती होगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब चुनौती आती है तो उन्हें आनंद आता है।
‘75 साल तक दंड संहिता के अधीन रहे, लेकिन अगली पीढ़ी न्याय संहिता के साथ जिएगी‘
पीएम मोदी ने मौजूदा लोकसभा की अंतिम बैठक को संबोधित करते हुए करीब एक घंटे के अपने भाषण में अंग्रेजों द्वारा दी गई दंड संहिता का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा, ’75 वर्षों तक हम अंग्रेजों द्वारा दी गई दंड संहिता के साथ जीते रहे। लेकिन अब नई पीढ़ी से हम गर्व से कह सकते हैं कि देश भले ही 75 साल तक दंड संहिता के अधीन रहा हो, लेकिन अगली पीढ़ी न्याय संहिता के साथ जिएगी।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘जम्मू-कश्मीर के लोग सामाजिक न्याय से वंचित थे। आज, हम संतुष्ट हैं कि हमने सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप जम्मू-कश्मीर के लोगों को सामाजिक न्याय दिलाया है। आतंकवाद एक कांटा बन गया था, देश के सीने में गोलियां दाग रहा था। हमने आतंकवाद के खिलाफ सख्त कानून बनाए। मेरा पूर्ण विश्वास है कि जो लोग इस तरह के मुद्दों से पीड़ित हैं, उन्हें इसी तरह ताकत मिलेगी।’
पीएम मोदी ने पिछले वर्ष दिल्ली में आयोजित जी20 समिट के बारे में कहा कि भारत को जी20 की अध्यक्षता का अवसर मिला। भारत को बहुत बड़ा सम्मान मिला। देश के हर राज्य ने भारत की क्षमता और अपनी पहचान दुनिया के सामने रखी। इसका प्रभाव आज भी दुनिया के मानस पटल पर है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की तारीफ की
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की तारीफ करते हुए कहा, ‘आपका रोल बहुत ही महत्वपूर्ण था। आज हम जो नई संसद में बैठ रहे हैं, इसके पीछे आपका ही मार्गदर्शन रहा है। आप सदैव मुस्कुराते रहते थे। आपकी मुस्कान कभी फीकी नहीं पड़ी। आपने कई मौकों पर संतुलित और निष्पक्ष तरीके से इस सदन का मार्गदर्शन किया, इसके लिए मैं आपकी सराहना करता हूं। गुस्से, आरोप-प्रत्यारोप के क्षण आए। लेकिन आपने धैर्यपूर्वक स्थिति को नियंत्रित किया और सदन चलाया और हमारा मार्गदर्शन किया।’