लखनऊ, 21 नवंबर। देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए पिछले तीन दिनों से लखनऊ में चल रहा 56वां राष्ट्रीय डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन रविवार को समाप्त हो गया। सम्मेलन के समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भविष्य की तकनीकों को पुलिस और आम जनजीवन की जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री के नेतृत्व में एक हाईपावर तकनीक मिशन कमेटी बनाई जानी चाहिए।
लखनऊ में सिग्नेचर बिल्डिंग में तीन दिन तक चले इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन 19 नवंबर को गृहमंत्री अमित शाह ने किया था जबकि 20-21 नवंबर को प्रधानमंत्री खुद इसमें शामिल रहे। प्रधानमंत्री ने कोरोना काल के दौरान और बाद में पुलिस के व्यवहार में जनता के प्रति सकारात्मक बदलाव की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक का उपयोग लोगों के लाभ के लिए भी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों की पुलिस को आपसी समन्वय बनाने के लिए अंतर संचालन योग्य तकनीक का विकास करना चाहिए।
One of the things I emphasised on was the setting up of a High-Power Police Technology Mission to look at usage of latest technology to make policing more effective and citizen friendly. Also talked about using drones and starting hackathons to get new tech ideas from the youth. pic.twitter.com/LylSCzXSNJ
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2021
उन्होंने 2014 में लागू किए गए स्मार्ट पुलिसिंग की नियमित समीक्षा और बदलाव पर भी जोर दिया। कहा कि पुलिस की रोजमर्रा की समस्या के समाधान के लिए उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं को पुलिस से जोड़ना पड़ेगा। इस दौरान प्रधानमंत्री ने जेल सुधार,
घटनाओं का विश्लेषण करें, उनसे सीखें
प्रधानमंत्री ने देश के शीर्ष पुलिस व केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों को संबोधित करते हुए व्यवहारिक सीख भी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी घटना से सीखना एक सतत प्रक्रिया है। पुलिस को घटनाओं के विश्लेषण करना चाहिए और उनसे निरंतर सीख लेनी चाहिए।
सुरक्षा मुद्दे पर अफसरों ने पेश किए लेख
यह सम्मेलन कई नजरिए से पूर्व के सम्मेलनों से अलग रहा। प्रधानमंत्री ने समसामयिक सुरक्षा मुद्दों पर वरिष्ठ आईपीएस अफसरों की राय जानने के लिए उन्हें लेख प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए थे। कई राज्यों के अधिकारियों ने उनके समक्ष यह लेख प्रस्तुत किए।
400 अधिकारी वर्चुअली जुड़े
पहली बार हाईब्रिड तरीके से आयोजित इस कांफ्रेंस में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय बलों के 62 डीजीपी और आईजी शामिल हुए। 400 से अधिक अधिकारी, कर्मचारी वर्चुअली जुड़े भी इस कार्यक्रम से जुड़े और उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री के सुझाव ग्रहण किए।