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कृषि को उद्योग की बजाय अवसर के रूप में विकसित करने की जरूरत : पीएम मोदी

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नई दिल्ली, 28 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि को उद्योग के रूप में नहीं बल्कि इसे एक अवसर के रूप में विकसित कर कृषि से संबंधित बुनियादी बातों के बीच संतुलन बनाने और भविष्य में आगे बढ़ने की जरूरत पर बल दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि किसानों को कृषि आधारित आय से बाहर निकालकर उन्हें मूल्यवर्धित और कृषि के अन्य विकल्पों के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

राष्ट्र को समर्पित कीं 35 फसलों की विशेष किस्में

पीएम मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रसिंग के माध्यम से वि‍शेष गुणों वाली फसलों की 35 किस्‍में राष्ट्र को समर्पित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण कई नई बीमारियां और स्थानीय रोग सामने आ रहे हैं, जो कि मानव और पशुओं  के स्वास्थ्य के लिए बड़े खतरे उत्पन्न कर रहे हैं। इनका प्रभाव फसलों पर भी पड रहा है और इन मुद्दों पर गहन शोध की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि नई पर्यावरणीय स्थितियों को ध्यान में रखते हुए बीजों की ऐसी किस्म तैयार करनी होंगी, जो प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों से निबटने में सक्षम हों। इन किस्मों से कुपोषण की समस्या के उन्मूलन और फसलों को संरक्षित करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए प्रौद्योगिकी के माध्यम से समानांतर कृषि का विकास अनिवार्य है। पिछले छह से सात वर्षों में कृषि में चुनौतियों के समाधान के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।

भूमि सुरक्षित रखने के लिए किसानों को दिए गए 11 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड

पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को 11 करोड मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं ताकि वे अपनी भूमि सुरक्षित रख सकें। सरकार ने कई सिंचाई परियोजनाएं शुरू की हैं और एक सौ सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अभियान शुरू किया गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारी खरीद मूल्य में बढ़ोतरी के साथ-साथ केंद्र ने फसल खरीद की प्रक्रिया में भी सुधार किया है ताकि किसानों को अधिक फायदा मिल सके। उन्होंने कृषि से संबंधित आंकड़े एकत्रित करने के लिए आधुनिक ड्रोन और सेंसर तकनीक के इस्तेमाल बढाने का जिक्र किया है।

किसान और कृषि सुरक्षित रहेंगे, तभी तेजी से खुशहाल बन सकेंगे

उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान और कृषि सुरक्षित रहेंगे, तभी वे तेजी से खुशहाल बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी से किसानों को जोडकर सरकार ने बैंक से मदद लेना आसान बना दिया है।

देश के सभी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद संस्‍थानों, राज्‍य और केंद्रीय कृषि विश्‍वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्र में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने रायपुर में नोशनल बायोटिक स्‍ट्रेस टॉलरेंस इंस्‍टीट्यूट के नवनिर्मित परिसर का लोकार्पण किया। इस संस्थान की स्थापना जैविक संबंधी दिक्कतों को दूर करने में बुनियादी और रणनीतिक अनुसंधान करने, मानव संसाधन विकसित करने तथा नीतिगत सहायता प्रदान करने के लिए की गई है।

कार्यक्रम के दौरान कृषि विश्वविद्यालयों को ग्रीन कैम्पस पुरस्कार भी दिए गए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने केंद्र सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए उठाये गए विभिन्न कदमों का उल्लेख किया।