नई दिल्ली, 11 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन से सोमवार को फोन पर बातचीत की। इस वार्ता के दौरान दोनों नेताओं के बीच वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट व अफगानिस्तान समेत विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
कोविड-19 के मद्देनजर ब्रिटेन की इंटरनेशनल ट्रैवल गाइडलाइंस को लेकर उपजा हालिया विवाद खत्म होने के बाद दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की यह पहली बातचीत थी। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि ब्रिटेन द्वारा भारतीय वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देना एक स्वागत योग्य कदम है।
भारत-यूके एजेंडा 2030 और सीओपी-26 पर भी बातचीत
पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन ने भारत-यूके एजेंडा 2030 पर भी चर्चा की। ग्लास्गो में आगामी सीओपी-26 के संदर्भ में जलवायु परिवर्तन पर विचारों का आदान-प्रदान किया और अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई।
क्वारंटीन नियमों में बदलाव के बाद दोनों देशों के बीच उभरा था कूटनीतिक विवाद
गौरतलब है कि क्वारंटीन नियमों में बदलाव की घोषणा के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच एक कूटनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया था। ब्रिटेन ने भारत से जाने वाले नागरिकों के लिए 10 दिनों का क्वारंटीन अनिवार्य कर दिया था, जिसके बाद भारत ने भी ब्रिटेन से देश में आने वाले लोगों के लिए वैसा ही नियम लागू कर दिया था। इसके बाद, आखिरकार जॉनसन सरकार को झुकना पड़ा और फिर उसने यात्रा नियमों में बदलाव किए। ब्रिटेन जाने वाले भारतीयों को अब क्वारंटाइन नहीं रहना पड़ेगा।
Was a pleasure to speak to Prime Minister @BorisJohnson. We reviewed progress on the India-UK Agenda 2030, exchanged views on climate action in the context of the forthcoming COP-26 in Glasgow, and shared our assessments on regional issues including Afghanistan.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2021
पीएम मोदी ने बातचीत के बारे में एक ट्वीट के जरिए जानकारी देते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बात कर अच्छा लगा। हमने भारत-यूके एजेंडा 2030 पर प्रगति की समीक्षा की, ग्लास्गो में आगामी सीओपी-26 के संदर्भ में जलवायु काररवाई पर विचारों का आदान-प्रदान किया और अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने आकलनों को साझा किया।’