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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बोले पीएम मोदी – समुद्र हमारी साझा धरोहर, इन्हें संजो कर रखना होगा

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नई दिल्ली, 10 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समुद्री सुरक्षा पर जोर देते हुए कहा है कि समुद्र हमारी साझा धरोहर है, हमारे समुद्री रास्ते इंटरनेशनल ट्रेड की लाइफलाइन हैं। हमें समुद्री वातावरण और समुद्री संसाधनों को संजो कर रखना होगा। ‘समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा : अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता’ पर  बीती शाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की उच्चस्तरीय खुली परिचर्चा के दौरान अपने अध्यक्षीय संबोधन में पीएम मोदी ने ये बातें कहीं।

समुद्री व्यापार व विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए सुझाए पांच सिद्धांत

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई परिचर्चा में अपने भाषण के दौरान समुद्री व्यापार और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान समेत पांच सिद्धांत भी पेश किए, जिनके आधार पर समुद्री सुरक्षा सहयोग के लिए वैश्विक प्रारूप तैयार किया जा सकता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की किसी खुली परिचर्चा की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने सदस्य देशों से कहा – मैं आप के समक्ष पांच मूल सिद्धांत रखना चाहूंगा।

पहला सिद्धांत : हमें वैध समुद्री व्यापार (legitimate maritime trade) से बैरियर हटाने चाहिए। हम सभी की समृद्धि समुद्री व्यापार के सक्रिय संचार पर निर्भर हैं। इसमें आई अड़चनें पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो सकती हैं।

दूसरा सिद्धांत : समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर ही होना चाहिए। आपसी विस्वास और आत्मविश्वास के लिए यह अति आवश्यक है। इसी माध्यम से हम वैश्विक शांति और स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं।

तीसरा सिद्धांत : हमें प्राकृतिक आपदाओं और आतंकियों द्वारा उत्पन्न समुद्री खतरों का एक साथ मिलकर सामना करना चाहिए। भारत ने इस मुद्दे पर क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं।

चौथा सिद्धांत : हमें समुद्री वातावरण और समुद्री संसाधन को संजो कर रखना होगा। जैसा कि हम जानते हैं, समुद्र का जलवायु पर सीधा असर होता है। इसलिए हमें अपने समुद्री वातावरण को प्लास्टिक और तेल का रिसाव जैसे प्रदूषण से मुक्त रखना होगा।

पांचवा सिद्धांत : हमें जिम्मेदार समुद्री संपर्क को प्रोत्साहन देना चाहिए। ऐसी मूलढांचा परियोजनाओं के विकास में देशों की स्थिरता को ध्यान में रखना होगा।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार परिचर्चा में यूएनएससी के सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख तथा संयुक्त राष्ट्र प्रणाली एवं प्रमुख क्षेत्रीय संगठनों के उच्चस्तरीय विशेषज्ञों ने भाग लिया। परिचर्चा समुद्री अपराध और असुरक्षा का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने तथा समुद्री क्षेत्र में समन्वय को मजबूत करने के तरीकों पर केंद्रित थी।

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