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मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में बोले पीएम मोदी- आजादी के अमृत काल की पटकथा लिखेगा यह कार्यक्रम

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नई दिल्ली, 30 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का उद्घाटन किया। पीएम ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में न्यायपालिका और सरकार का दायित्व अब बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि 2047 में जब देश आजादी के 100 साल पूरा करेगा तब हम कैसा देश चाहते हैं, हम किस तरह अपने न्याय व्यवस्था को इतना समर्थ बनाएं कि वो 2047 के भारत की आकांक्षाओं को पूरा कर सके, उन पर खरा उतर सके, ये प्रश्न आज हमारी प्राथमिकता होना चाहिए।

पीएम के साथ भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति एनवी रमना और केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम ने इस दौरान कहा कि राज्य के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों का ये संयुक्त सम्मेलन हमारी संवैधानिक खूबसूरती का सजीव चित्रण है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि इस अवसर पर मैं आप सबके साथ कुछ समय बिता पाया हूं।

पीएम ने आगे कहा कि हमारे देश में जहां एक ओर ज्यूडिशरी की भूमिका संविधान संरक्षक की है, वहीं लेजिस्लेचर नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि संविधान की इन दो धाराओं का ये संगम, ये संतुलन देश में प्रभावी और समयबद्ध न्याय व्यवस्था का रोडमैप तैयार करेगा।

वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ सबका विकास के साथ सबको न्याय दिलाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने इसी के साथ सभी राज्यों से आए मुख्यमंत्रियों और सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों से कार्यक्रम में आने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, आप सबके साथ मिलकर काम करने से ही आम लोगों को न्याय मिलने की संभावना बढ़ सकती है।

छह साल बात आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में कार्यपालिका और न्यायपालिका के लिए न्याय के सरल वितरण के लिए रूपरेखा तैयार करने और न्याय प्रणाली के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक कदमों पर चर्चा हो रही है। इसके साथ ही न्यायपालिका से जुड़ी इमारतों के लिए ‘नेशनल ज्यूडिशियल इंफ्रास्ट्रक्चर अथारिटी आफ इंडिया’ के गठन का मुद्दा भी इसमें उठ सकता है।

इससे पहले शुक्रवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के 39वें सम्मेलन की अध्यक्षता की। रिक्तियों के मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए, CJI रमना ने कहा, “हमारे सामूहिक प्रयासों के कारण, हम एक वर्ष से भी कम समय में विभिन्न उच्च न्यायालयों में 126 रिक्तियों को भर सकते हैं। हम 50 और नियुक्तियों की उम्मीद कर रहे हैं।