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पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में सेट किया 2024 चुनाव का एजेंडा, विपक्ष पर कड़ा प्रहार

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नई दिल्ली, 15 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रतिष्ठित लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद अपने उद्भोदन में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, विपक्ष पर हमला बोला और 2024 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव का एजेंडा सेट करते हुए भाजपा की सत्ता में वापसी का दावा कर दिया।

पीएम मोदी ने भारत के लोगों को मेरे साथी नागरिकों की बजाय मेरे परिवार के सदस्यों के रूप में संबोधित करके एक बदलाव किया। उन्होंने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण की शुरुआत “मेरे प्यारे 140 करोड़ परिवार के सदस्यों” से की। उन्होंने पूरे भाषण में देश के लोगों को “परिवारजन” कहा। उन्होंने लोगों से भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और तुष्टिकरण से छुटकारा पाने का आह्वान किया।

लगभग 90 मिनट लंबे संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने पिछले 10 वर्षों में अपनी सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों को भी रेखांकित किया, जिनमें देश की सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण और समाज के गरीबों और हाशिए के वर्गों के कल्याण के क्षेत्र शामिल हैं।

गिनाई तीन बुराइयां…भ्रष्टाचार, वंशवाद व तुष्टिकरण

पीएम मोदी समाज की तीन बुराइयां गिनाते हुए कहा, “भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहना मेरे जीवन की प्रतिबद्धता है। दूसरा, वंशवाद की राजनीति ने देश को बर्बाद कर दिया है। इसने लोगों का अधिकार छीन लिया है। और तीसरी बुराई है तुष्टिकरण जिसने राष्ट्रीय चरित्र पर कलंक लगा दिया है। हमें भ्रष्टाचार, वंशवाद की राजनीति और तुष्टिकरण, इन तीन बुराइयों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना है।”

उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहना मोदी की जीवनभर की प्रतिबद्धता है…मेरी सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं के 10 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को बाहर कर दिया और गलत तरीके से कमाई गई संपत्तियों की जब्ती 20 गुना बढ़ गई।’

अगले 15 अगस्त को लाल किले से ही देश की उपलब्धियां व विकास आपके सामने रखूंगा

पीएम मोदी कहा, ‘अगले पांच साल अभूतपूर्व विकास के हैं। 2047 के सपने को साकार करने का सबसे बड़ा स्वर्णिम क्षण अगले पांच साल हैं। अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से देश की उपलब्धियों और विकास को आपके सामने रखूंगा।’

उन्होंने कहा, ‘2047 में विकसित भारत सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का संकल्प है। विकसित राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत राष्ट्रीय चरित्र है। जितने भी देश विकसित हुए हैं, उनके लिए एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक एजेंट उनका राष्ट्रीय चरित्र रहा है।’

डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की सफलता पर युवाओं की सराहना

पीएम मोदी ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को सफल बनाने में युवाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा, ‘पिछले साल बाली में जी20 शिखर सम्मेलन में विकसित देशों सहित हर कोई डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की सफलता के बारे में जानना चाहता था और मैंने कहा कि भारत ने जो कुछ भी किया है वह मुंबई, दिल्ली और कोलकाता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी युवा विभिन्न क्षेत्रों में बहुत प्रभाव डाल रहे हैं…इसमें दृढ़ विश्वास का साहस है भारत के सबसे छोटे शहर…और गांव भी।’

मोदी इन गारंटी

पीएम मोदी ने कहा, ‘जब हम 2014 में सत्ता में आये तो हम वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में 10वें स्थान पर थे। आज 140 करोड़ भारतीयों के प्रयास से हम पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं, ये ऐसे ही नहीं हुआ। भ्रष्टाचार का दानव, जिसने देश को अपनी जकड़ में ले रखा था – हमने लीकेज रोकी और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई…आने वाले वर्षों में भारत शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा। ये मोदी की गारंटी है।’

‘स्वतंत्रता के अमृत कालमें रहने के लिए हम भाग्यशाली हैं

प्रधानमंत्री ने कहा, “हम स्वतंत्रता के ‘अमृत काल’ में रहने के लिए भाग्यशाली हैं। इस ‘अमृत काल’ में हम जो निर्णय लेते हैं, हमारे कार्य और बलिदान, अगली सहस्राब्दी तक एक गौरवशाली इतिहास का मार्ग प्रशस्त करेंगे।”

महिलाओं के नेतृत्व में विकास

पीएम मोदी ने महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के महत्व पर जोर दिया और कहा कि आज महिला वैज्ञानिक चंद्रयान मिशन का नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने कहा, “एक चीज जो देश को आगे ले जाएगी, वह है महिला नेतृत्व वाला विकास। आज हम गर्व से कह सकते हैं कि नागरिक उड्डयन में सबसे ज्यादा पायलट भारत में हैं। चंद्रयान मिशन का नेतृत्व महिला वैज्ञानिक कर रही हैं।”

मणिपुर में शांति लौटने की खबरें आ रहीं

उन्होंने मणिपुर पर कहा, ‘पिछले कुछ हफ्तों में नॉर्थ ईस्ट, खासकर मणिपुर में हिंसा के दौर में कई लोगों की जान चली गई और मां-बेटियों की इज्जत को भी काफी ठेस पहुंची, लेकिन पिछले कुछ दिनों से शांति की खबरें आ रही हैं। देश मणिपुर के साथ है। मणिपुर के लोगों को पिछले कुछ दिनों में बहाल हुई शांति को कायम रखना चाहिए। मणिपुर में शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा।’

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