नई दिल्ली, 3 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ऊर्जा क्षेत्र में भारत-रूस की साझेदारी विश्व के ऊर्जा बाजारों में स्थिरता लाने में मदद कर सकती है। शुक्रवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूर्वी आर्थिक मंच के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस गगनयान कार्यक्रम के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण में भागीदार हैं। दोनों देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार और वाणिज्य के लिए उत्तरी समुद्री मार्ग को खोलने में भी भागीदार होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और रूस कई परियोजनाओं पर मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने देश के सबसे बड़े शिपयार्ड, मझगांव डॉक लिमिटेड का उल्लेख करते हुए कहा कि यह दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक पोतों के निर्माण के लिए रूस के ज्वेज्दा के साथ साझेदारी करेगा।
रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास के लिए राष्ट्रपति पुतिन का दृष्टिकोण सराहनीय
पीएम मोदी ने रूस के सुदूर पूर्व क्षेत्र के विकास के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दृष्टिकोण की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत इस सपने को साकार करने में रूस का एक विश्वसनीय भागीदार होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2019 में जब वह मंच की बैठक में भाग लेने के लिए व्लादिवोस्तोक गए थे, उसी समय उन्होंने सुदूर पूर्व नीति को लागू करने के लिए भारत के संकल्प की घोषणा की थी। उन्होंने व्लादिवोस्तोक को सही मायने में यूरेशिया और प्रशांत का संगम बताया। उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता में संगम का एक विशेष महत्व है, जिसका अर्थ है नदियों, लोगों और विचारों का संगम।