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भारत की अध्यक्षता में हम BRICS को नए स्वरूप में करेंगे परिभाषित : पीएम मोदी

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रियो डी जेनेरियो, 7 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपनी आगामी अध्यक्षता में ब्रिक्स समूह को ‘सहयोग और स्थिरता के लिए लचीलापन और नवाचार का निर्माण’ पर ध्यान केंद्रित करके पुनर्परिभाषित करेगा। उल्लेखनीय है कि भारत अगले वर्ष ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा।

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के तहत, हम ब्रिक्स को एक नए रूप में परिभाषित करेंगे। ब्रिक्स का अर्थ होगा – सहयोग और स्थिरता के लिए लचीलापन और नवाचार का निर्माण करना।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका वाले समूह के नेतृत्व के दौरान नई दिल्ली जन-केंद्रित प्रगति की भावना को आगे बढ़ाएगी।

‘G20 की भांति इस मंच को भी मानवता प्रथम की भावना के साथ आगे ले जाएंगे

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आने वाले वर्ष में भारत की ब्रिक्स अध्यक्षता के अंतर्गत हम सभी विषयों पर घनिष्ठ सहयोग जारी रखेंगे।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार G20 में भारत की अध्यक्षता ने विकासशील देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं तथा उन्होंने ब्रिक्स के लिए भी इसी प्रकार का दृष्टिकोण अपनाने का वादा किया। उन्होंने कहा, ‘जिस प्रकार हमने G20 की अध्यक्षता के दौरान समावेशिता सुनिश्चित की तथा एजेंडे में वैश्विक दक्षिण के मुद्दों को प्राथमिकता दी, उसी प्रकार हम BRICS की अध्यक्षता के दौरान भी इस मंच को जन-केंद्रित दृष्टिकोण तथा मानवता प्रथम की भावना के साथ आगे ले जाएंगे।’

दरअसल, एकता और सहयोग का यह संदेश दिन में पहले भी परिलक्षित हुआ, जब पीएम मोदी अन्य ब्रिक्स नेताओं, साझेदारों और आउटरीच आमंत्रितों के साथ सोमवार सुबह (स्थानीय समयानुसार) रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पारंपरिक पारिवारिक फोटो के लिए एकत्र हुए। शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों और साझेदार देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने सहयोग और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की, जो समूह के देशों के बीच एकता और सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षण था।

हमें अपने ग्रह को स्वस्थ बनाने के लिए साझा प्रयासों को मजबूत करना होगा

वहीं सम्मेलन में पर्यावरण, COP30 और वैश्विक स्वास्थ्य सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारे लोगों और ग्रह का स्वास्थ्य आपस में जुड़ा हुआ है। कोविड-19 महामारी ने हमें सिखाया है कि वायरस वीजा लेकर नहीं आते, न ही पासपोर्ट के आधार पर समाधान चुने जाते हैं! इसलिए, हमें अपने ग्रह को स्वस्थ बनाने के लिए अपने साझा प्रयासों को मजबूत करना होगा।’

पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ‘एनवायरमेंट, कॉप30 और ग्लोबल हेल्थ’ पर सत्र को संबोधित किया। मैं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इन विषयों पर चर्चा शुरू करने के लिए ब्राजील का आभारी हूं, क्योंकि ये मानव जाति के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण विषय हैं।”

उन्होंने कहा कि भारत ने कई पहल की है, जैसे मिशन लाइफ, एक पेड़ मां के नाम, अंतरराष्ट्रीय सौर अलायंस, आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन, हरित हाइड्रोजन मिशन, वैश्विक जैव ईंधन अलायंस, अंतरराष्ट्रीय बिग कैट्स अलायंस।

पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत को आयुष्मान भारत योजना शुरू करने पर गर्व है, जो अपनी तरह की सबसे बड़ी हेल्थ कवरेज स्कीम है। हमने अपनी स्वास्थ्य प्रणालियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी की शक्ति का लाभ उठाया है। हमारे पास चिकित्सा की जीवंत पारंपरिक प्रणालियां भी हैं, जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं।’

उल्लेखनीय है कि सात से नौ जुलाई तक ब्राजील की मेजबानी में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका तथा नए सदस्य मिस्र, इथियोपिया, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया के नेता शामिल हुए। शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने ब्रिक्स एजेंडे के विभिन्न मुद्दों पर सार्थक चर्चा की, जिसमें वैश्विक शासन में सुधार, वैश्विक दक्षिण की आवाज को बढ़ाना, शांति और सुरक्षा, बहुपक्षवाद को मजबूत करना, विकास के मुद्दे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शामिल हैं।

ब्रासीलिया की राजकीय यात्रा पर रवाना

वहीं, पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला द सिल्वा को उनके गर्मजोशी भरे आतिथ्य और शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। इसके बाद पीएम मोदी ब्रासीलिया की राजकीय यात्रा पर रवाना हो गए, जहां भारत-ब्राजील संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर राष्ट्रपति लूला से विस्तृत बातचीत करेंगे।

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