नई दिल्ली, 10 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के वैज्ञानिक समुदाय को विश्वास दिलाया है कि उनके प्रयासों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। पीएम मोदी ने नवगठित अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (ANRF) की शासी निकाय की मंगलवार को यहां हुई पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए बात कहीं। उन्होंने देश के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में बाधाओं की पहचान करने और उन्हें दूर करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
पारिस्थितिकी तंत्र में बाधाओं की पहचान कर उन्हें दूर करने की आवश्यकता
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार बैठक में भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिदृश्य और अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों के पुनर्डिजाइन के बारे में चर्चा पर ध्यान केंद्रित किया गया। बयान के अनुसार पीएम मोदी ने बड़े लक्ष्य तय करने, उन्हें हासिल करने पर ध्यान देने और पथप्रदर्शक शोध करने की बात कही।
This is the best time for research and innovation in India! https://t.co/amz5RYztpY
— Narendra Modi (@narendramodi) September 10, 2024
समस्याओं का समाधान भारतीय जरूरतों के अनुसार स्थानीय स्तर पर हो
पीएम मोदी ने कहा कि शोध में मौजूदा समस्याओं के नए समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि समस्याएं वैश्विक प्रकृति की हो सकती हैं, लेकिन उनका समाधान भारतीय जरूरतों के अनुसार स्थानीय स्तर पर होना चाहिए।
डोमेन विशेषज्ञों की सूची बनाने व डैशबोर्ड विकसित करने का सुझाव
प्रधानमंत्री ने संस्थानों के उन्नयन और मानकीकरण की आवश्यकता पर चर्चा की और विशेषज्ञता के आधार पर डोमेन विशेषज्ञों की एक सूची तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने एक डैशबोर्ड विकसित करने के बारे में भी बात की, जहां देश में हो रहे अनुसंधान और विकास से संबंधित जानकारी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है।
पीएम मोदी ने अनुसंधान और नवाचार के लिए संसाधनों के उपयोग की वैज्ञानिक निगरानी की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश के वैज्ञानिक समुदाय को विश्वास होना चाहिए कि उनके प्रयासों के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी।
अटल टिंकरिंग लैब्स की ग्रेडिंग भी की जा सकती है
अटल टिंकरिंग लैब्स के सकारात्मक प्रभावों पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि इन प्रयोगशालाओं की ग्रेडिंग की जा सकती है। उन्होंने पर्यावरण परिवर्तन के नए समाधान खोजने, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी सामग्री, प्रयोगशाला में विकसित हीरे जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान पर भी चर्चा की।
Prime Minister @narendramodi chairs the First General Board meeting of the newly established Anusandhan National Research Foundation (#ANRF), dedicated to fostering a vibrant culture of research and innovation across India’s universities, research institutions, and R&D labs pic.twitter.com/zQ0oDnNv1e
— PIB in Telangana 🇮🇳 (@PIBHyderabad) September 10, 2024
चुनिंदा क्षेत्रों में समाधान-केंद्रित अनुसंधान पर कार्यक्रम शुरू होगा
बयान के अनुसार एएनआरएफ, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) गतिशीलता, उन्नत सामग्री, सौर सेल, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और चिकित्सा प्रौद्योगिकी, सतत कृषि और फोटोनिक्स जैसे चुनिंदा प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में मिशन मोड में समाधान-केंद्रित अनुसंधान पर कार्यक्रम शुरू करेगा।
गवर्निंग बॉडी ने ज्ञान की उन्नति के लिए मौलिक अनुसंधान को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया और मानविकी और सामाजिक विज्ञान में अंतःविषय अनुसंधान का समर्थन करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का निर्णय लिया। इस बात पर भी सहमति हुई कि अनुसंधान करने में आसानी प्राप्त करने के लिए हमारे शोधकर्ताओं को लचीले और पारदर्शी वित्त पोषण तंत्र के साथ सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए एएनआरएफ गठित
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के प्रावधानों को लागू करने की दिशा में राज्यों के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत देशभर के विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य गणितीय विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी, पर्यावरण और पृथ्वी विज्ञान, स्वास्थ्य और कृषि सहित प्राकृतिक विज्ञानों के क्षेत्रों में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता के लिए उच्च स्तरीय रणनीतिक दिशा प्रदान करना है।